Wednesday, 28 March 2018

अस्मितादर्श , काही क्षण , काही आठवणी !

अस्मितादर्श कार प्राध्यापक , डॉक्टर गंगाधर पानतावणे आणि माझे दोन नंबर चे मोठे बंधू पांडुरंग डोमाजी राऊत उर्फ राऊत गुरुजी हे मारिसी कॉलेज चे वर्ग मित्र . गंगाधरजी पानतावणे पदवीत्तर शिक्षण घेऊन औरंगाबाद ला मराठी चे प्राध्यापक तर पांडुरंग राऊत पवनी ला नगरपालिका शाळेत माध्यमिक शिक्षक झाले . सामाजिक कार्य करावे ह्या विचाराने कार्य करावे या विचाराने झपाटलेल्या तरुणाचा तो काळ   होता  .

गंगाधर पानतावणे मराठी चे प्राध्यापक , आंबेडकरी विचाराचे भाष्यकार , दलित साहित्याचे कैवारी म्हणून  ख्याती   प्राप्त झाले . अस्मितादर्श  नियतकालिक  चे संपादक म्हणून त्यांच्या विविध लेखनाने ते जेष्ठ साहित्यिक म्हणून एकूणच साहित्यिकाच्या  यांची  गणना    झाली ,

त्यांनामराठी  विश्वास  साहित्य  संमेलनच  पहिला  अध्यक्ष  हा  बहुमान  सुद्धा  मिळाला  , देहाच्या  सरकार  कडून  पदमश्री  हा  पदं  पुरस्कार  सुद्धा  मिळाला  पण    त्यांनी    त्याच   कधी  अहंकार  केला   नाही   त्या  मुले  त्यांचा  आपले   वर्ग   मित्र   पांडुरंग राऊत हे   ग्रामीण  भागातील  शिक्षक  म्हणून कमी  समजले     नाहीत   उलट    पांडुरंग राऊत एक  हाडाचे   शिक्षक म्हणून ग्रामीण  भागात  निर्माण  केलेली  ओळख आणि अनेक विध्यार्थी हॉस्टेल च्या उभारणीत , वेवस्थापनात राऊत गुरुजींनी केलेली मोलाची समज सेवा त्यांना मोठीच    वाटली  , आज    सिद्धार्थ हॉस्टेल   , नालंदा    हॉस्टेल पवनी - विदर्भात  नाव  रूपाने  ओळखले  जातात  त्या  मागे  राऊत गुरुजी  चे  मोठे  कार्य  आहे  ते  त्यांना  मोठीच  वाटली  .

स्वतंत्र   सेनानी  मन्साराम  राऊत  , गुरुदेव   सेवा मंडळाचे    दादासाहेब  चव्हाण   ,  दादासाहेब रायपूरकर ,मयूर    गुरुजी , खापर्डे  गुरुजी , झोडे    गुरुजी , बाणाईत   गुरुजी , नंदर्धने  गुरुजी  सिद्धार्थ  हॉस्टेल  पवनी , नालंदा  हॉस्टेल  पवनी , कस्तुरबा    हॉस्टेल  पवनी , गुरुदेव  सेवा  मंडळ  अशा  विविध संघटना  व  बहुजन  सर्व  जाती  समाजात  काम    केलेले   राऊत गुरुजी  त्यांना  कधीही  कमी  वाटले   नाही  त्या  मुले   ते आपला  अस्मितादर्श अंक  आठवणीने  पोस्टने  पांडुरंग राऊत गुरुजी  यांना पाठवीत राहिले .

वयाच्या    ७६ वर्षी  पांडुरंग  राऊत  गुरुजी वारले  तर  गंगाधर  पानतावणे  ८१ व्य  वर्षी  जगाचा  कालच  निरोप  घेतला   . राहिल्या  त्या आठवणी  !

नेटिविस्ट   डी   डी   राऊत      

Tuesday, 27 March 2018

वार्ना कहाका भाईचारा , कहा की शांति ! सब बेकार है !

मुस्लिम धर्म में भाईचारा है , क्रिस्टी धर्म में प्यार है , बौद्ध धर्म में शांति है , जैन धर्म में अहिंसा है , सिख धर्म में सतनाम है बहुत अच्छी बात है , और भी दूसरे संप्रदाय होंगे जो हिंदुस्तानी गैर ब्राह्मण नेटिव लोग मानते होंगे और उनमे इन धर्मो जैसी ही कोई न कोई खास खूबी होंगी। ये सभी धर्म गैर ब्राह्मण धर्म है जिस में हम समझते है वर्ण और जाती वेवस्था , ब्राह्मण पंडित ,पुजारी , होम- हवन , जनेऊ , ऊंचनीच , भेदभाव नहीं होगा जैसा की विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्म में है। जो ब्राह्मण केवल ३ प्रतिशत है वे यहाँ के ९७ प्रतिशत गैर ब्राह्मण हिन्दू , उनका हिन्दू धर्म को तहसनहस कर खुद को हिन्दू घोषित कर बैठा है और दूसरे धर्म जैसे मुस्लिम , सिख , जैन , क्रिस्चियन , बौद्ध इनको भी प्रभावित कर ऊंचनीच , भेदभाव , जातिवर्ण के चपेट में ले चूका है , अब ये धर्म भी विदेशी ब्राह्मण धर्म के सामने हथ्बल हो चुके है , इनकी ताकत विदेशी ब्राह्मण बहुत पहले ही ख़त्म कर चुके है , बौद्ध , जैन , सिख धर्म अदा से २ प्रतिशत तक सिमट गए है यही हल क्रिस्चियन धर्म का है थोड़ा बड़ा धर्म मुस्लिम धर्म है जिसे विदेशी ब्राह्मण ब्राह्मण और गैर ब्राह्मण में बाट चूका है और गैर ब्राह्मण मुस्लिम को ब्राह्मण धर्मी मुस्लिम और वैदिक धर्मी मुस्लिम दिन ब दिन कमजोर कर रहे है , कुल मिला कर आज ९७ प्रतिशत गैर ब्राह्मण नेटिव चाहे किसी भी धर्म में हो , उन धर्मो के अच्छी खूबी के बावजूद हरे , थके , कमजोर महसूस कर रहे है। कुछ हिन्दू से अलग साम्प्रदाय होना चाहते है वे भी आधा एक प्रतिशत लोग है जो नया धर्म बनाना चाहते है जैसे दूसरे गिर ब्राह्मण धर्म है , पर वो एक बात ध्यान दे जब वो धर्म ३ प्रतिशत विदेशी ब्रह्मिनो का कुछ नहीं कर पाए तो नए धर्म वाले क्या कर लेंगे !

यहाँ हम मूल समस्या पर गैर ब्राह्मण ९७ प्रतिशत लोगो का ध्यान आकर्षित करना चाहते है। मूल संशय ये है की जब विदेशी ब्राह्मण विदेशी है और उनका धर्म वैदिक ब्राह्मण धर्म है तो वे हिंदुस्तानी , हिन्दू , हिन्दू धर्मी कैसे हो सकते है ? वे ना हिन्दू है , ना ही हिंदुस्तानी, यह बात हमें मानना होगा की हिन्दू धर्म और ब्रह्मिन धर्म दो अलग अलग धर्म है , अलग अलग लोग है। ब्राह्मण आर्य केवल एक वर्ण सवर्ण है , दूसरे वर्ण जिसे ब्राह्मण अपने से निचे मानते है वे गैर ब्राह्मण है जिसे काम सिपाही , रक्षा , वणिक रहा है वे सभी हिन्दू , हिंदुस्तनि है , आर्य - ब्राह्मण एक वर्ग ही सवर्ण है क्षत्रिय ,वैश्य गैर ब्राह्मण है , ब्रह्मिन धर्मी नहीं। इस लिए विदेशी ब्राह्मण केवल ३ प्रतिशत है बाकी सभी लोग गैर ब्राह्मण नेटिव है चाहे उन्हें विदेशी ब्राह्मण क्षत्रिय, वैश कहते हो वे सभी ब्रह्मिनो के सताए हुवे लोग है चाहे उनपर अत्याचार काम हुवे हो पर हुवे है ये निर्विवाद है ,

जब ये बात स्पस्ट हो जाती है तब एक बात साफ़ हो जाती है ९७ प्रतिष्स्त लोग ब्रह्मिनो द्वारा सताए नेटिव है और वे मूलतः हिन्दू धर्मी है जीना धर्म वर्ण जाती नहीं मानता क्यों की हिन्दू धर्म में वर्ण जाती नहीं है वो वैदिक ब्राह्मण धर्म की उपज है , ब्राह्मण धर्म यानि वेद , मनुस्मृति , वर्ण जाती भेद , ऊंचनीच , ब्राह्मण , जनेऊ , होम हवन ,

हिन्दू धर्म यानि कबीर का बीजक , आंबेडकर का हिन्दू कोड बिल , वर्ण , जाती , ब्राह्मण , ऊंचनीच ये कुछ भी नहीं।

इसे मानकरjis दिन सभी गैर ब्राह्मण जब ये कहेंगे हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं उसी दिन हमारी सभी समस्या मिट जाएगी तब हिन्दू से ब्राह्मण अकाज होगा और विदेशी ब्राह्मण हिन्दुतान का दुश्मन माना जाएगा , नेटिव राष्ट्र का उदय होगा और छोटे मोटे धर्मो को ब्राह्मण उत्पीड़न से मुक्ति मिल जायेगी तब हम कह पाएंगे मुस्लिम धर्म में भाईचारा है , बौद्ध धर्म में शांति ! वार्ना कहाका भाईचारा , कहा की शांति ! सब बेकार है ,

नेटिविस्ट डी डी राउत
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट

Sunday, 25 March 2018

नेटिव नमस्कार !
 जय हिन्द ! जय नेटिव !
नेटिविस्ट  डी डी राउत , अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट 
Hindus worship Native Raja Ram and Shivaji Maharaj because they killed Videshi Demon Brahmins

Shivaji Maharaj killed Krishna Kulkarni and Raja Ram killed Ravan both demon Brahmins. Hindu Religion people worship them because they killed demon Brahmins.

Hindus never liked Brahmin Religion people and never believed that Brahmin Religion people can be good friends.

Brahmins insulted their friend Jyotiba Phule and Rajarshi Shahu Maharaj who was their employer and king.

Native Raja Ram was so popular after killing Brahmin Religion person demon Ravan that he was called as God by Hindu Religion native people. To down grade his image in the eyes of Native people Brahmins falsely inserted a story of Shambhuka killing . It is similar to insertion of story in Shivaji's life that Ramdas was his guru although it is proved now that Shivaji never met Ramdas in his life and never took any Brahmin person as his guru.

Hindus worship these great people because they never hesitated in killing Brahmins of lower and devilish qualities and thinking.

Native Raja Ram and Chhatrpati Sivaji Maharaj represent Native Satya Hindu Dharm and oppose Videshi Brahmin Dharm of ved and Bhed . Ram was from the linage of Hirankashyapu and so was Shivaji Maharaj .

Nativist D.D.Raut,
President,
Native People's Party
Pracharak ,
Satya Hindu Dharm Sabha



Our Message to Nation : Janeu Chodo, Bharat Jodo !

Friday, 23 March 2018

#नेटिव_अनुशासन :
अनुशासन 1:
जो जय हिन्द कहेगा , जो नमस्कार करेगा ऐसे ही गैर ब्राह्मण लोगो को हम नेटिव रूल मूवमेंट में नेटिविस्ट के नाते लेते है। अनुशासन 1
अनुशासन 2:
जो नेटिविज़्म को अपना गुरु और नेटिव हिंदुत्व को अपना मार्गदर्शन मनता है ऐसे गैर ब्राह्मण जो खुद को नेटिविस्ट कहे ! अनुशासन 2
अनुशासन 3:
नेटिविस्ट अपने नाम के आगे Mr/ Mrs/ Shri /Smt / Ku / Dr./ Prof. Adv. etc के जगह Nv. लिखे ये नेटिविस्ट का शार्टफॉर्म है। अनुशासन 3
अनुशासन 4:
३ टक्का विदेशी ब्राह्मण छोड़कर बाकी जो ९७ टक्का लोग है वे सभी नेटिव है चाहे जिस धर्म के हो, हम सब एक है नेटिव है ! अनुशासन ४
अनुशासन 5:
नेटिव लोग अपने अपने धर्म के साथ साथ सत्य हिन्दू धर्मी धर्मात्मा कबीर के वचनो को सम्मान दे शिलोका पालन करे ! अनुशासन 5
अनुशासन 6:
इन वचनो का प्रचार करे : हिन्दू वोही, जो ब्राह्मण नहीं! हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है! जनेऊ छोडो, भारत जोड़ो! अनुशासन 6
अनुशासन 7:
इन वचनो का प्रचार करे : हिन्दू धर्म : बीजक और हिन्दू कोड बिल विरुद्ध ब्राह्मण धर्म : वेद और भेद, मनुस्मृति ! अनुशासन 7
अनुशासन 8:
तीर का लोहा एक सामान ! नेटिविस्ट डी डी राउत केवल अग्रभाग में एक नेटिविस्ट विचारक की भूमिकi । नेटिविज़्म हम सब का गुरु ! अनुशासन 8
अनुशासन 9:
नेटिव रूल मूवमेंट में रहना है, तो विदेशी ब्राह्मण भारत छोडो कहना है ! अनुशासन 9
अनुशासन 10:
हमारा अधिकार नेटिव रूल! हमारा अभिमान नेटिव रूल! हमारा उद्देश्य नेटिव रूल! हमारा प्राण नेटिव रूल! हमारी जान नेटिव रूल! अनुशासन 10
नेटिविस्ट डी डी राउत
विचारक
नेटिव रूल मूवमेंट

Tuesday, 13 March 2018

आंबेडकरी चळवळीला आमची तटस्थ मदत हवी का ?
बुद्धिस्ट आंबेडकरी नेतृत्वातील भांडणे आपापसात बसून मिटविणे अश्यक्य , त्यांनी मूळ भारतीय विचार मंच च्या तटस्थ मूळ भारतीय विचारवंत नेटिविस्ट डी डी राऊत यांची मदत घेऊन सोडवावी आणि समाजाला दावणीला बांधणे बंद करावे ,
आम्हाला प्रकाश आंबेडकर , रामदास आठवले , जोगेंद्र कवडे , राजेंद्र गवई आदी बुद्धिस्ट आंबेड्करी नेत्यांनी तशी विनन्ती केली तर आम्ही त्यांच्यात मध्यस्ती ची भूमिका निभावू व त्यांना कसे काम करावे त्याचे प्रशिक्षण मूळ भारतीय विचार मंच च्या १ दिवस ते ७ दिवस च्या कार्यशाळेततून देऊ .
आम्ही हे कार्य केवळ आंबेडकरी सामान्य माणूस ब्राह्मीनवादी सरकार च्या अन्यायात भरडला जाऊ नये म्हणू निशुल्क करू .
आमी त्यांच्या पक्षात नसल्या मुळे कोणी कुठे , कसे काम करावे हे अलिप्त बुद्धीने सांगू शकतो जे त्यांच्या समाजाचे हिथाचे असेल .
आम्ही स्वतः नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट , नेटिव्ह पीपल'स पार्टी , मूळ भारतीय विचार मंच , सत्य हिंदू धर्म सभा , हिंदू रिफॉर्मिस्ट आर्मी च्या माध्यमातून काम करीत असलो तरी आंबेडकरी समाजाने आमच्या कडे न येता त्यांनी त्यांच्याच पक्ष्याच्या , चळवळीत काम करावे असे आम्ही वेळोवेळी लिहले आहे .
नेटिविस्ट डी डी राऊत
विचारक ,
मूळ भारतीय विचार मंच
मोबा : ९८३३१९२९४४
ई-मेल : daulatraodomajiraut@gmail.com

Saturday, 10 March 2018

आज सत्य हिंदू धर्मी छत्रपती संभाजी महाराज यांची पुण्यतिथी , शाहिद दिवस आहे , या हिंदवी शूरवीराला आमचे शत शत नमन !


विदेशी मुस्लिम विरोधी राज्यकर्ते आणि विदेशी ब्राह्मण अश्या दुहेरी दुश्मनांना सत्य हिंदू धर्मी छत्रपती संभाजी राजे भोसले याना तोंड द्यावे लागले . १४ मे १६५७ ला पुरन्दर किल्ल्यावर जन्मलेले संभाजी आई विना आपली आजी जिजामाता यांचे छत्र छायेत मोठे झाले , ९ वर्ष वय असताना त्यांनी शिवाजी महाराज बरोबर मुगल बादशहा औरंगजेब याच्या आग्रा केला येते तुरुंगवास भोगला व तिथून सुटका झाल्या नंतर आपले वडील शिवजी चे जवळून अवलोकन केले व राजधर्म जाणला . १७ वर्ष्याच्या संभाजी ने छत्रपती शिवाजी महाराजांचा गांगा भट नामक काशी च्या ब्राह्मीना कडून कसा राज्याभिषेक झाला आणि कशी लूटमार विदेशी ब्राह्मीनांनी केली कसा अपमान केला हे जवळून बघितले . नंतर ब्राह्मण धर्म , वेद , वर्ण , जाती , ब्राह्मण , जनयु नाकारून एका गोसाव्या कडून शिवाजी महाराजानी करून घेतलेला दुसरा सत्य हिंदू धर्मी राज्याभिषेक सुद्धा बघितला तेव्हाच त्यांनी सत्य हिंदू धर्म व त्यांच्या राज्य कारभाराला पुढे विदेशी मोंगल वैरी राज्यकर्ते आणि विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्मी ब्राह्मण या दोघानाही तोंड द्यावे लागणार याची जाणीव झाली आणि तसेच झाले , शिवाजी महाराज राज्याभिषेक नंतर जवळ जवळ ७-८ वर्षे महाराज म्हणून राज्य केले व विदेशी भट ब्राह्मीनानी त्यांचं विष देऊन प्राण घेतल्या नंतर ब्राह्मीनानी शिवाजी महाराजांचे दुसरे पुत्र राजाराम याना गादीवर बसविण्याचा कात केला तो उधडुल लावून संभाजींनी राज्य आपल्या ताब्यात घेतले व सत्य हिंदू धर्मी गोसावी कडून राज्याभिषेक करून राज सिंहासनावर विराजमान झाले . छत्रपती शिवाजी महाराजांचे वेळी ३२ मन सोन्याचे सिंवासन केले होते ते विदेशी ब्राह्मीनानी गायब केले . पुढे विदेशी ब्राह्मीनानी औरंगजेब शी हाथ मिळवणी केली व संभाजी महाराजांचा सत्य हिंदू धर्म व राज्य जवळ जवळ उण्यापुऱ्या ८ वर्ष्या च्या राज्य कारभाराचच्या कालखंड नंतर परत राजाराम ला गादीवर बसवून विदेशी ब्राह्मण पेशवाई मजबूत केली , वैदिक ब्राह्मण धर्म मजबूत केला . संभाजी महाराजांचे हाल हाल करून त्यांना मारा असा सल्ला विदेशी मुघल बादशहा औरंजेब यास दिला . संभाजी चे डोळे फोडले गेले , जीभ छाटली गेली , मुंडके उडविले गेले , त्यांचं मुलाखत्यार स्वामिनिस्ट कवी भूषण याशी हालहाल करून ठार मारले गेले , शवची विटंबना केली गेली ते केवळ छत्रपती संभाजी राजे नि सत्य हिंदू धर्म पुनर्स्थापित केला , सत्य हिंदू धर्मी गोसावी कडून राज्याभिषेक जरून घेतलं म्हणून . विदेशी ब्राह्मण आणि विदेशी मोंडल शत्रूr राज्यकर्ते एक झाले. संभाजी महाराजांना ठार मारले तो दिवस होता ११ मार्च १६८९ केवळ ३२ वर्ष आयुष्य छत्रपती संभाजी महाराजांना लाभले , २४ वय असताना ते छत्रपती झाले , ८ वर्षे हिंदवी स्वराज्याचे ते राज्यकर्ते झाले , विदेशी मुघल , विदेशी ब्राह्मीना बरोबर लढताना जीवाची शर्थ केली . एक महान राजा , शूरवीर राजा असेच त्यांना म्हणावे लागेल . ते नेटिव्ह होते , नागवंशी होते , सत्य हिंदू धर्मी होते .

छत्रपती संभाजी राजे आपल्याला सत्य हिंदू धर्म राज्यकर्ते व हिंदू राज्य मानत असत . हिंदू राज्य म्हणजे नेटिव्ह राज्य , नेटिव्ह रुल .
संभाजी महाराजांनी आपले शत्रू विदेशी ब्राह्मण अण्णाजी दत्तो व त्यांच्या अन्य ब्राह्मण साथीदाराने हत्ती च्या पायदळी तुळवून ठार मारण्याची साज दिली होती पण पूर्वी त्यांना एक दोनदा शत्रुत्व साठी माफी सुद्धा दिली होती व शेवटी नाईलाज झाला तेव्हा स्वराज्य साठी ठार सुद्धा मारले .

छत्रपती संभाजी महाराज यांच्या छिन्नविछीन शवाला कुणी कांबळे नामक अस्पृश्य म्हणून विदेशी ब्राह्मीनानी बहिष्कृत केलेल्या महार जाती च्या माणसाने वाढू गावी सत्य हिंदू धर्मा प्रमाणे अग्नी देऊन अंत्यविधी केला व त्या अस्थिवर समाधी बांधली . छत्रपती शंभाजी महाराज , कवी कलश व यांचा अंतविधी करणारे शूर वीर कांबळे याच्या समाध्या वाढू येथे पाहायला मिळतात .

आज सत्य हिंदू धर्मी छत्रपती संभाजी महाराज यांची पुण्यतिथी , शाहिद दिवस आहे , या हिंदवी शूरवीराला आमचे शत शत नमन !

संभाजी -शिवाजी - शहाजी , मालोजी हे कुटुंब मूळ भारतीय , सत्य हिंदू धर्मी , विदेशी ब्राह्मण विरोधी त्या मूळे त्यांचं वेळोवेळी अपमान करण्यात आला . जिजाऊ सारखी कर्तबगार नेटिव्ह महिला जी बहुदा महार असावी व भोसले कुटुंब सुद्धा महार नागवंशी असावे असे दिसते त्या मुळे या कुटुंबाला विदेशी ब्राह्मीना कडून विशेष त्रास सहन करावा लागला . आम्ही या कुटुंबाला , मातेशी जिजाऊ , छत्रपती शिवाजी , छत्रपती संभाजी आणि त्यानंतर झालेले छत्रपती शाहू महाराज ज्यांनी वेळोवेळी आंबेडकरांना मदत केली , मित्र म्हणून वागविले , सामाजिक सुधारणा केल्या त्या सर्वाना मनस्वी आभार देतो .

पण काय हि विदेशी ब्राह्मण शत्रू बरोबरची लढाई संपली आहे ? काय आज हिंदवी स्वराज आहे ? काय आज सत्य हिंदू धर्म आपल्या जातिविहीन , वर्णविहीन , ब्रह्मींविहीन स्वरूपात आहे ? असे प्रश्न आपल्या पुढे आहेत . हे प्रश्न सोडविण्या साठी नेटिव्ह रुल प्रयत्नशील आहे .

आम्ही नेटीव्हीसम आणि नेटिव्ह हिंदुत्व हा विचार दिला आहे . या विचाराने हे सर्व प्रश्न सुटतील असे आम्हाला वाटते कारण हिंदू धर्म आणि ब्राह्मण धर्म वेग्वेगडे आहेत हा विचार आम्ही मांडतो आहोत , हिंदू वही , जो ब्राह्मण नही असे आम्ही छातीठोक म्हणतो , हेच नाही तर विदेशी ब्राह्मण , भारत छोडो , जनयु छोडो , भारत जोडो हि हाक आम्ही देश्य दिली आहे. केवळ आज एवढेच म्हणायचे आहे वर्थ ना हो छत्रपती संबहिजी का ये बलिदान !

नेटिविस्ट डी डी राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट
नेटिव्ह पीपल्स पार्टी
सत्य हिंदू धर्म सभा
मूळ भारतीय विचारं मंच
हिंदू रिफॉर्मिस्ट आर्मी

देशाला संदेश : जनयु छोडो , भारत जोडो !