ब्राह्मण धर्म विरुद्ध हिन्दू धर्म : नेटिविज़्म
नेटिविस्ट डी.डी.राउत ने अपने यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ़ नेटिविज़्म में यह विश्व को बताया है की नेटिविज़्म यह विश्व विचार सारणी है जो विश्व के सभी देश , विश्व के सभी नेटिव लोग अपने अपने देश में ऐसे बेझिजक लागु कर सकते है और अपने देश को , अपने देश के नेटिव लोगो को विदेशी उत्पीड़न , गुलामी से आज़ादी दिला सकते है।
नेटिविज़्म के साथ साथ लोकल कंट्री की नेटिविटी यहाँ काम कराती है जिसे हम हिंदुस्तान में हिंदुत्व कहते है , दूसरे देश में वो उस देश के नाम से या संस्कृति , धर्म से जुडी हो सकती है।
हिंदुस्तान ने नेटिविस्ट डी.डी.राउत ने नेटिविज़्म को अपना गुरु घोषित किया वैसा ही वो विश्व के सभी नेटिव लोगो का गुरु है तथापि , भिन्न भिन्न देशो में मार्गदर्शन वहा की नेटिविटी जिस नाम से जानी जाती है वही हो सकती है जैसे हिंदुस्तान में हिंदुत्व यह नेटिविटी है क्यों की विदेशी ब्राह्मण , विदेशी ब्रिटिश , विदेशी मोंघल , विदेशी ग्रीक , विदेशी ईरानी , पारसी आने के पहले सिंधु - हिन्दू संस्कृति से इस देश में हिंदुत्व ही नेटीवीटी रही है और कुछ लोग जो धर्म परावर्तित कर मुस्लिम बने , क्रिस्चियन बने या जिन्हो ने विदेशी ब्राह्मण धर्म से लड़ाई तेज करने के लिए अलग से हिन्दू से जैन , बुद्धिस्ट , सिख सम्प्र्रदाय बनाये वो ही हिंदुत्व इस नेटिविटी के ही हिस्सा है।
संक्षेप में हिंदुस्तान में ३ पैर सेण्ट विदेशी ब्राह्मण धर्मी है और ९७ पैर सेण्ट नेटिव हिंदुत्व के लोग। संघर्ष यही है। हिन्दू विरुद्ध ब्राह्मण। नेटिव विरुद्ध विदेशी , ब्राह्मण धर्म विरुद्ध हिन्दू धर्म।
ऐसे ही हम कहते है नेटिविज़्म हमारा गुरु है , नेटिव हिंदुत्व हमारा मार्गदर्शन !
नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट
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