Tuesday, 31 December 2019

Brahminizm

सिंहालोकन !

अम्बेडकर वाद , गांधी  वाद से विदेशी  ब्रहमिन  , ब्रहमिन धर्म , ब्रहमिन राज को नही  कोई  खतरा ! विदेशी  ब्रहमिन भी बोलने लगे  जय गांधी , जय भीम  !
इनके  विचार  है ब्रहमिन को नही , ब्रहमिन वाद को विरोध करो ! जैसे कोई कहता हो क्यांसर  बुरा  , क्यांसर  के जन्तु  ठीक ! वह कया  विचार  है !

हम कहते है विदेशी ब्रहमिन , ब्रहमिन धर्म , ब्रहमिन वाद सब कुछ गलत , हिंदू  , हिन्दू  धर्म  , हिंदुस्तान  के दुष्मन  ! हमारा  विचार  है नेतिवीसम  हमारा  गुरु है , नेटीव  हिंदुत्व  हमारा मार्गदर्शन  है  ! यानि  विदेशी ब्रहमिन  भगाव  , हिन्दू  धर्म और ब्रहमिन  धर्म अलग अलग है , हिन्दू धर्म का  एक मात्र धर्म. ग्रंथ है कबीर वानी बिजाक !

ना गांधी  ये कहते है नाही अम्बेडकर ये बोलते है ,फिर इन  से , इनके विचारोसे  ब्रहमिन , ब्रहमिन अधर्म को कोई डर है ही नही ये बात विदेशी  ब्रहमिन  जान चुके ऐस लिए इं के चेलोसे भी जोर से कहने लगे है जय गांधी , जय भीम ! सुना है आर  एस एस वाले भी इनकी फोटो को अगरबत्ती , फुलमाला  आदी से प्राप्त समय  य़ानी  सबेरे  सबेरे उनहे  याद करते है ! जय हो !

40 साल के मेरे समाजिक , राजकिय  जीवन मे जब मैं 2019 के समाप्ती  के संध्या मे सिंहा- लोकन करता  हूँ  तो देखता  हूँ  हिंदुस्तान  के ऐस भायांकर स्थिती  मे मैं आज अकेला  रह गया हूँ ! जो  कुछ लोग जुडे थे , एक एक कर बीछड़ गये  ! कीसी  की तबियत ने साथ नही दिया  , कीसी  की आर्थिक  स्थिती  ठीक  नही थी , कीसी को यहा विचार  नेतिवीसम , नेटीव हिन्दुत्व डरावना  लगा  , कीसी को अप्रासंगीक तो  कीसी को सरकार , ब्रहमिन  विरोधी , संविधान  विरोधी !

माहत्मा फुले , गांधी , बिरसा , पेरियार , अम्बेडकर  के नक्षे  कदम पर चल कार  कुछ लोगोने गैर  ब्रहमिन , बहुजन , 15 : 85 , धर्मांतर , नास्तिक , आदिवशी - निसर्ग रिती  रीवाज  संस्कृती , नया  शिव धर्म  , सत्य शोधक धर्म  आदी के प्रयोग कीए पर कीसी ने यह  नही कहा  हैं हिन्दू धर्म और ब्रहमिन  धर्म  अलग अलग है और आज केवल कबीर वानी बिजक ही हिन्दू  धर्म  क एक मात्र  धर्म  ग्रंथ है , किसिने ताल  ठोक कर ये नही कहा  विदेशी ब्रहमिन हमारा  अखंड  ही हिंदुस्तान  से चले जाये , विदेशी ब्रहमिन एक वर्ण , सवर्ण है , वे  केवल 3 प्रतिशत  है और बाकी सभी अवर्ण यानि नेटीव हिन्दू  है , क्षत्रीय  , बैश्य ये भी नेटीव है  , नेटीव हिन्दू  धर्म  मे ना कोई जाती है ना वर्ण , ब्रहमिन ! बिजक  यहा सभकुछ  नाकारता है jo वेदिक  ब्रहमिन  धर्म मे है ! ना होम  हवन , ना जनेऊ , ना ब्रहमिन भट  ,पूजारी , अस्परुश्यता ना सोवला , ना ब्रह्मा  , विष्णु  , इन्द्र , सोम आदी अत्याचारी , दुराचारी , रेपिस्ट  गौडस है !

कबीर के हिन्दू धर्म मे शिव , राम  , कृष्ण है ज़िन्होने दुरचारी  ,वर्ण वादी , ब्रहमिन अधर्म वादी ब्रह्मा  , रावन , अस्वाथामा , पर्शुराम को  मारा जैसे शिवाजी  महाराज , संभाजी  महाराज ने विदेशी  ब्रहमिनोको मार कर किया  !

हम जब कहते है  हिन्दू धर्म  अलग अलग है तो नव बुद्धिस्ट  परेशान हो ज़ाते है , उनको लगता  है  फिर हमारे  बौध्  धार्मांतरन का  क्या  ? इस  क जवाब खुद  अम्बेदकारजी  अपने  लिखे हिन्दू  कोड  बिल मे देते है , कया आपको उनपर  विश्वास  नही ! बौध्, जैन ,सिख  ये हिन्दू  है ! मुस्लिम ,खिस्ती  भी मूल भारतीय  यानि  हिन्दू ही है ये सभी धर्म वर्ण ,जाती ,ब्रहमिन अधर्म  विरोधी  है ! संसार मे धर्म ,अधर्म  ऐसे  दो ही प्रकार है ! ब्रहमिन होना  अधर्म है क्यू  की वे वर्ण वादी , भेदभाव  वादी  , जातिवादी  ,रंग  भेद वादी है ,और संसार के बाकी सभी  धर्म धर्म है , आप किसीमे भी रहो हमे  आपत्ती  नही , मुस्लिम , सिख  ,इसाई ,हिन्दू ,पारसी  सभी हम भाई भाई है , धर्म वादी  है , ब्रहमिन  अधर्म के विरोधी  है , खिलाफ है ,अधर्म  मिताना  चाहते है !

आप बौध् बनो  ,जैन  बनो , सिख  बनो , पार्शी बनो , नया  धर्म  निकालो  हमे कोई परेशानी  नही , हम कहते  है हिन्दू  धर्म और ब्रहमिन  धर्म अलग  अलग  है और कबीर वानी  बीज़क  हैंडू धर्म का  आज एक .मात्र  प्रामानिक  सत्य हिन्दू  धर्म  ग्रंथ  है ! ईसमे  कीसी को क्या  आपत्ती  हो सकती हो सकती है ?

हम कहते है  जब हम हैंदुस्तानसे  और हिन्दू  धर्म से 3 प्रतिशत  विदेशी  ब्रहमिन  भगा  देंगे तो  जातिपर  आधारित  आरक्षण  की ज़रुरत ही नही रह जयेगी ! हम कहते है वर्ण वाद बचेगाही नही  , 99 प्रतिशत देश  और  देश वाशियोंकी समश्या खतम  होगी  , देश मे खुशाली , प्रेम , शांति  और भाईचारा आयेगा  और हम संसार के अन्य  देश ज़हा ये ब्रहमिन  नामक  अधर्म  ,क्यांसर  का  ज़िवानु पूहचा  है वहा ,उसी जागाह हम उसे  खत्म  करने के लिए संसार  सेवा  मे अपना  योग  दान  कर  पायेंगे  ! ये है  हमारा वैश्विक  नेतिवीसम  ! ज़िसे हमने यूनिवरसल डिकलरेशन  मे लिख चुके  है !

फिर  अंत मे एक बात , मैं कहा  खडा  हूँ ? मैने  अपनी  घर की दिवार  पर नही लिखा  की हमे इस  देश  का  हुकमरान  बनाना  है , मैने आपमे घर के मेन  गेट और मेन दरवाजे  पर लिखा है नेटीविस्ट  डी  डी  राऊत तो असर  ये हुवा  बिदेशी  ब्रहमिन  जान गये  की ये आदमी बड़ा खारतनाक  है हिन्दू  धर्म और हीदुस्तान से ब्रहमिनोको  निकालना  चाहता  है , बहुत बड़ा  खतारनाक  है , हम से सावधानहो गये , कया करना है सोच रहे है !
गैर ब्रहमिन भी सावधान  हो गये ,इस  के साथ रहेंगे तो जान ,माल को खतरा है , गवाना  पद सकता  है  ! कौन जान जोखिमंमे  डाले  ! रहने दो  अकेला  ,चलने  दो  अकेला  ! फुले , गांधी , अम्बेडकर  भले  , जो  चलता है चले !

आज  मैं मेरे नेटिवीसम , नेटीव  हीदुत्व के साथ  अकेला  खडा  हु  ! एकला चलोरे  ! यही है मेरा  आज का  सिंहालोकन  !

#नेटीवीस्टडीडीराऊत
31 डिसेंबर , 2019

Thursday, 26 December 2019

NativistDDRaut

हिंदुस्तान  का  आखरी  हिन्दू  सम्राट  हेमु तथा  हेंमचन्द्र राऊत  के हम वर्तमान उत्तराधिकारी  है , हमारा  नाम है दौलत राव  डोमाजी  राऊत

हम नाग वंशी  नाग मन्दार  के कुल से आते है ज़िन्होने नागपूर  समीप  पवनी  मे कई शताबदी पहले बौध् स्तुप  बनवाया था ज़हा गौतम  बुद्ध के पवित्र  धातु अवशेश रखे थे !

नाग वशी पवनी  नरेश ने अजन्ता मे कुछ  विहार   गुफा  भी खुदवायी  थी जी के प्रमान  आज भी देखे  जा सकते है !

पवनी  मे नागोका थाना  और नाग मन्दार  की समाधी  राऊत कु टुम्ब मे राऊत  बांगला के  नाम से जतन किया है  !

भगवान  शिव, भगवान बुद्ध , बाबा  फरीद , धर्मात्मा  कबीर , साई  बाबा  की भी असिम क्रूपा  रही  है  !

नेटीविस्त  डी  डी  राऊत
अध्यक्ष
नेटीव  रूल मोवेमेंट
#नेटीवलोग

Monday, 17 June 2019

Nativist DD Raut thought

हमारे पुर्खोने गलती की , हम सुधरेंगे !

जिन्हा, गाँधी, आंबेडकर ने बहुत बड़ी गलती की है , हिंदुस्तानी वही जो ब्राह्मण नहीं कहने के बजाय उन्होंने दो देश ,आरक्षण को मान्य किया !

जिन्हा , गाँधी , आंबेडकर ये सभी मुलभारतीय , गैर ब्राह्मण , हिंदुस्तानी थे जो आज़ादी के पहले देश के बड़े , महान नेता माने जाते थे। गाँधी अपने आप को पुरे हिंदुस्तान के नेता मानतेथे और जिन्हा खुद को हिंदुस्तान के पुरे मुस्लिमो के नेता मानतेते वही आंबेडकर अपने आप को हिंदुस्तान के पुरे अस्पृश्य समाज के नेता मानतेथे पर इनके दिमाग में ये बात कभी नहीं आयी के वे मूलतः मुलभारतीय है , गैर ब्राह्मण और हिंदुस्तानी है उन सभी की संख्या ९७ प्रतिशत है और विदेशी ब्राह्मण धर्मी केवल ३ प्रतिशत है वही हिंदुस्तान और हिंदुस्तानी लोगो के वस्तुता अरब आक्रमण , ब्रिटिश सत्ता के पहले से शोषण करते रहे है और सब से ज्यादा इन्ही ३ प्रतिशत विदेशी ब्राह्मण धर्मी लोगो के कारण पूरा हिंदुस्तान परेशां है।

जब सुधारणावादी ब्रिटिश लोग हिंदुस्तान छोड़ कर जाना चाहते थे तब यही लोग ब्रिटिश सत्ता के साथ बातचीत कर रहे थे तब इन्होने मुस्लिम , गई मुस्लिम के लिए हिंदुस्तान के विभाजन पर दो देश को सम्मति दी और आंबेडकर ने आरक्षण , स्वतंत्र मतदार संघ की मांग रखी। इन लोगो के दिमाग में ये बात नहीं आयी की सबसे पहले ब्रिटिश सत्ता से कहा जाए ३ प्रतिशत विदेशी ब्राह्मण धर्मी लोगो को देश से निकाला जाए ताकि हिंदुस्तान को सही मायने में आज़ादी मिले। अगर ये होता तो ना द्विराष्ट्र की जरुरत होती नाही आरक्षण की। क्यों की उस हालत में हिंदुस्तान एक गैर ब्राह्मण , ब्राह्मण अधर्म मुक्त , नेटिव नेशन होता , हिंदुस्तान होता !

पर गाँधी को भारत का राष्ट्रपिता बनाने का मोह हो गया , जिन्हा को पाकिस्तान की पिता होना था और आंबेडकर को दलितों का मसीहा ! भाड़ में गया अखंड हिंदुस्तान , भाड़ में जाए इस देश का असली मुद्दा विदेशी ब्राह्मण , ब्राह्मण अधर्म !

जिन्हा , गाँधी , आंबेडकर तो बड़े हो गए , महात्मा , कायदे आज़म हो गए , राष्ट्रपिता , संविधान के पिता , भारत भाग्य विधाता हो गए पर हिंदुस्तान का , हिन्दू का उज्जवल भाग्य ना बना सके ! हम इनकी गलती को कब तक भुगतते रहेंगे ?

नेटिविस्ट डी डी राउत ने नारा दिया है विदेशी ब्राह्मण भारत छोडो , क्विट इंडिया ! हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं ! हिंदुतानि वही जो ब्राह्मण नहीं ! जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो !

हमें ब्राह्मण अधर्म मंजूर नहीं , ब्राह्मण की वर्ण , जाती वेवस्था मंजूर नहीं , वे विदेशी थे , है , रहेंगे ! हमारी मांग है विदेशी ब्रह्मिन भारत छोडो ! ब्राह्मण धर्म और हिन्दू धर्म अलग अलग है , हिन्दू धर्म का एक मात्र धर्म ग्रन्थ है कबीर का बीजक !

हमारे पुर्खोने गलती की , हम सुधरेंगे !

नेटिविस्ट डी डी राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट #NRM