नेटिव रूल मूवमेंट :
नेटिव रूल मूवमेंट सभी १२० करोड़ नॉन ब्राह्मण हिंदुस्तानी और क्रोरोडो नॉन ब्राह्मण जो विश्व के अन्य देशो में किसी काम वश रहते है उन सब को साथ जोड़ने के लिए और दिल से जुड़ ने के लिए सरल और सुस्पस्ट नीति अपनाकर चलती है।
हम सभी नेटिव लोगो को नमस्कार करते है ताकि वो सैम भाव से मूवमेंट से जुड़े। हम किसी जाती विशेष , व्यक्ति विशेष का जय जय कर नहीं करते इस लिए सभी लोगो को नमस्कार में अपनत्व और समत्व महसूस होता है। ऐसे में किसी जाती का अहंभाव नहीं , किसी धर्म का आग्रह नहीं , सभी समान नेटिव है , हिंदुतानि है एक है।
हम केवल जय हिन्द कहते है , जय भारत कहते है , लव इंडिया कहते है जो हमारा प्यारा देश के लिए केवल है , इस से देश भावना , देश भक्ति वृद्धिंगत होती है , यहाँ किसी की मक्तेदारी नहीं। तीनो नाम अपने ही देश के है , और हमारे नेटिव संस्कृति से जुड़े हुवे है। देश से बड़ा कोई नहीं।
हमने नेटिविज़्म को अपना गुरु मना है , यही हमारे लिए एक सूत्र में बांध कर रकता है और उसी के तहत हमें काम करना है , नेटिविस्ट आते रहेंगे , जाते रहेंगे पर सब से ऊपर नेटिविज़्म है , कोई पद इस से बड़ा नहीं।
नेटिव हिंदुत्व को हम ने हमारा मार्गदर्शन माना है। नेटिव हिंदुत्व यानि हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं चाहे वो किसी भी नॉन ब्राह्मण धर्म का हो। क्यों की हम सब सिंधु= हिन्दू संस्कृति के बच्चे है . हम सभी हिंदुस्तानी नेटिव है , हिन्दू रहे है , है।
नेटिव रूल मोवीमेंट पिछले ४० वषो से ें विचारो के लिए काम कराती रही है। पहले बौद्धिक मंडल बना , फिर फेडरेशन फॉर रिमूवल ऑफ़ ईविल , फिर मूल भारतीय विचार मंच , नेटिव पीपल'स पार्टी , सत्य हिन्दू धर्म सभा आदि आदि। पक्ष चुनाव लढा , विधान सभा में जता भी एक सीट पर हम चाहते है नेटिविज़्म , नेटिव हिंदुत्व को लोग दिल से समजे नाकि केवल २-४ , १० -२० सीट जीते।
लोग विभिन्न विचार सरणी से जुड़े होते है , उन्हें नयी बात भले ही वो सर्वोत्तम क्यों न हो समजा ना आसान नहीं होता , जाती वर्ण से जुड़े होने के कारण लोगो का दुराग्रह आसानी से नहीं जाता।
हमारा मानना है हिंदुस्तान में केवल दो ही विचार का टकराव है , विदेशी ब्रह्मिनो का ब्रह्मिणवाद और नेटिव लोगो का नेटिविज़्म। बाकी सब बेकार है , कुछ हासिल नहीं होगा , परिवर्तन तो बहुत दूर है। वह केवल नेटिविज़्म , नेटिव हिंदुत्व और नेटिव रूल मूवमेंट ही ला सकता है।
यहाँ सब नॉन ब्राह्मण का स्वागत है पर उन्हें दूसरे विचार छोड़ कर आना होगा , ब्राह्मण कोण है ? जो खुद को ब्राह्मण कहता है , वो विदेशी ब्राह्मण है , वर्णवादी है , जातिवादी है ,
हमने हमारे नेटिविस्ट को समज में काम करना बहुत आसान किया है , डरो नहीं हम १०० में ९७ लोग है , दिल खो कर कहो आप नेटिव हो , नॉन ब्राह्मण हो , ये आप को इस देश की मिलकियत देता है। १०० में ३ विदेशी ब्राह्मण है , उन ३ में एक बूढ़ा है , दूसरा बाचा या औरत है और तीसरा हरामी है बस उस से निपटना है। यानि १ विदेशी ब्राह्मण विरुद्ध ९७ नेटिव , बड़ी नाइंसाफी होगी पर उस एक के पास ९० प्रतिशत जमीं। पैसा , संपत्ति और नौकरिया है , उसे कमजोर न समजो ,कुछ नालायक , हरामी ,जैचंद उनके साथ है , कुछ हड्डी के लिए , कुछ टुकड़ो के लिए , कुछ ब्राह्मण चमड़ी के लिए , ये लोग बड़े खतरनाक है , ब्रह्मिनो से भी जादि , वफादार कुत्ते जैसे दम हिलाते रहते है , भोकने के लिए कहते ही टूट पड़ते है , कितने ही हमारे नेटिव ें के कारण मरे गए।
आप नेटिव रूल मूवमेंट का काम करे , किसी से जाती , धर्म न पूछे , नमस्कार कहे और खुद ही खुद के लिए बताये आप नॉन ब्राह्मण हो , बात ख़तम या तो दूसरा नॉन ब्राह्मण होगा या ब्राह्मण। आप के साथ जुड़ेगा या नहीं जुड़ेगा। आप नॉन ब्राह्मण को कोई हानि नहीं पुहचा रहे हो इस लिए बेधड़क काम करे , धर्म अपने घर में रखे , हिंदुस्तानी होने के कारण हम हिन्दू है , नेटिव है। आप ये काम करेंगे तो न सत्ता दूर है नाही आप की खुशाली , सुख और समृद्धि क्यों की ९० प्रतिशत धन , संपत्ति नौकरी खुली हो जायेगी , आरक्षण के अलग से जरुरत नहीं होगी , सभी नेटिव होंगे , न कोई जाती होगी, न वर्ण , ना भेदभाव सब आगे बढ़ेंगे , सब को सामान संधि उपलब्ध होगी। सही मायने में हिंदुस्तान के सविंधान का उद्देश्य लागु होगा।
नेटिविस्ट डी.डी. राउत
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