Thursday, 28 August 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Basant : 7 : 3

पवित्र  बीजक  : प्रग्या  बोध  : बसंत  : 7 : 3

बसंत  : 7 : 3

पचीस  बतावैं  और  और , और  बतावैं  कइ  एक  ठौर  ! 

शब्द  अर्थ  : 

पचीस  बतावैं  = अनेक  लोग  बताते  है  ! 
और  और  = अनेक  प्रकार  की  बाते  ! और  बातावैं  = और  भी  बताते ! एक  ठौर  = एक  ठिकाना  ! 

प्रग्या  बोध  : 

परमात्मा  कबीर  बसंत  के  इस  पद  में  बताते  है  एक  तत्व निराकार  निर्गुण  चेतन  राम   से  इस  शृष्टी  का  निर्मांण  हुवा  अनेक  लोग  अनेक  भाषा  संस्कृती  धर्म  संकल्पना  की  निर्मिती  हुवी  किसी  ने  कुछ  बताया  तो  किसी  ने  कुछ ! किसी  ने  अनेक  देवी  देवता  ईश्वर  परमात्मा  अवतार , मूर्ती  पूजा  बली  होम  हवन  पाणी  की  पूजा  अग्नी  की  पूजा  पत्थर  की  पूजा  एसे  विविध  मार्ग  बताये   कोई  एक  ठौर  ठिकाना  नही  बताते   है  सब  भूल  जाते  है  शृष्टी  का निर्माता  सब  का  निर्माता  केवल एक  है  निराकार   निर्गुण  तत्व  चेतन  राम  और  उसके  दर्शन  का  एक  मात्र  मार्ग  है  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  का  शिल  सदाचार  आचरण  का  मार्ग  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिव शृष्टी

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