पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : बसंत : 7 : 4
बसंत : 7 : 4
अन्तर मध्ये अन्त लेइ , झकझोरि झोरा जीवहिं देइ !
शब्द अर्थ :
अन्तर मध्ये अन्त = किसी भी समय ! लेइ = लेना , काम पे लगाना ! झकझोरि = हिलाना , अस्थिर करना ! जीवहिं देइ = आत्महत्या , दुखी होना , करना !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर बसंत के इस पद में बताते है माया तृष्णा किसी भी समय जीव को काम पर लगाती है और काम पुरा न होने पर मन मुताबिक न होने पर उद्धेग से दुख से भर कर कभी कभी पागल मानसिक असंतुलीत ही नही तो आत्मघात आत्महत्या के लिये भी उसकाती है ! इस माया मोह अहंकार लालच के कारण रामायण महाभारत हुवे युद्ध हुवे बर्बादीया हुवी !
इस से बचनेका उपय परमात्मा कबीर अपनी पवित्र वाणी बीजक ही बताते है वही सत्य मुलभारतिय हिन्दूधर्म है !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ
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