Saturday, 30 August 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Basant : 7 : 4

पवित्र  बीजक  : प्रग्या  बोध  : बसंत  : 7 : 4

बसंत  : 7 : 4

अन्तर   मध्ये  अन्त  लेइ ,  झकझोरि  झोरा  जीवहिं  देइ  ! 

शब्द  अर्थ  : 

अन्तर  मध्ये  अन्त  = किसी  भी  समय  ! लेइ  = लेना  , काम  पे  लगाना  !   झकझोरि = हिलाना  , अस्थिर   करना !  जीवहिं  देइ  = आत्महत्या , दुखी  होना  , करना  ! 

प्रग्या  बोध  : 

परमात्मा  कबीर  बसंत  के  इस  पद  में  बताते  है  माया  तृष्णा  किसी  भी  समय  जीव  को  काम  पर  लगाती  है  और  काम  पुरा  न  होने  पर  मन  मुताबिक  न  होने  पर  उद्धेग  से  दुख  से  भर  कर  कभी  कभी  पागल  मानसिक  असंतुलीत  ही  नही  तो  आत्मघात  आत्महत्या  के  लिये  भी  उसकाती  है  ! इस  माया  मोह  अहंकार  लालच  के  कारण  रामायण  महाभारत  हुवे  युद्ध  हुवे  बर्बादीया  हुवी  ! 

इस  से  बचनेका  उपय  परमात्मा  कबीर अपनी  पवित्र  वाणी  बीजक  ही  बताते  है  वही  सत्य  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म है  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व  परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान  , शिवशृष्टी

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