विप्रमतीसी : 22
ऊँच नीच है मध्य की बानी , एकै पवन एक है पानी !
शब्द अर्थ :
ऊँच नीच = वर्णवाद , भेदाभेद , अस्पृष्यता , विषमाता ! मध्य की बानी = ओछी बात , सामान्य विचार ! एकै पवन = सबके लिये एक समान हवा ! एक पानी = शृष्टी ने सब के लिये एकसमान पानी बनाया है !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के पंडे पूजारी अर्थात ब्राह्मण य़ानी विप्र जो विपरित बुद्धी समज और समाज के लोग है इनकी वर्णवादी जातिवादी ऊचनीच वादी भेदाभेद विषमाता वादी धार्मिक सोच की आलोचना करते हुवे बताते है की ये सोच कोई महान य़ा उत्तम सोच नही बल्की ओछी सोच है बहुत ही सामान्य विचार है जो वास्तव मे अधर्म और विकृती है !
धर्मात्मा काबिर मुलभारतिय हिन्दूधर्म की समता भाईचारा समाजवाद वैग्यानिक दृष्टी वाला विचार ही उत्तम धर्म विचार संस्कृती मानते हुवे निसर्ग नियम और वेवस्था की मिसाल देते हुवे बातते है निसर्ग ने मानव मानव मे कोई भेदभाव ऊचनीच अस्पृष्यता वेवस्था नही बनाई है जैस पानी हवा सब के लिये समान है वैसे ही मानव मानव एक समान है !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ
No comments:
Post a Comment