Monday, 16 June 2025

Naag Raja Nag Mandaar !

#पवनी_के_महाराजा_नाग_मन्दार ( #मुछिलिन्द_नाग ) ! 

विदर्भ का पवनी नगर बहुतही पुरातन और इतिहासिक है ! पंचनाग पुरे भारत पर राज्य करते थे जैसे वासुकी आदी ! नागरिक संघ और नगररचना की देन नाग मुलभारतियोंकी ही है इस लिये इन्हे नागरी संकृती सभ्यता के जनक माना जाता है ! जग विख्यात सिंधु हिन्दू संकृती और समतावादी मुलभारतिय हिन्दूधर्म की निर्मिती इन्ही लोगोने की ज़िस काराण मुलभारतिय हिन्दूधर्म को लोकधर्म और धर्म संस्थापक को लोकनाथ भी कहा जाता है ! 

नाग लोगोकी राज्य पद्धती गणराज्य पद्धती थी ! राजा को नागलोक गणराज कहा जाता है जैसे शिव और शिव के पुत्र गणेश भी नाग गणराज ही थे !

बुद्ध और महाविर भी इसी नाग गणराज्य वेवस्था से थे ! 

पवनी के नागराज नागमन्दार ( मुछिलिन्द नाग ) ने बुद्ध को उसके बुद्धत्व प्राप्ती बाद शांत बैठे गौतम बुद्ध को कुछ विदेशी यूरेशियन ब्राह्मणोने मारने की कोशिश की थी सौभाग्य भाग्य से नागमन्दार राजा पर्यटण पर अपने कुछ सैनिको के साथ हिमालय के तरफ गये थे कुछ ब्राह्मण बुद्ध को मारने के लिये बुद्ध को घेरे थे तभी महाराज नागमन्दार वहा पुहचे और उन विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राहमिनोको मार कर भगा दिया ! बुद्ध ने तब नागमन्दार को अपने कुछ केश और एक टूटा हुवा दात का अंश नाग मन्दार को दिया , धम्म का उपदेश दिया वही नागरिक को दिया पहला उपदेश था ! 

नागमन्दार पवनी वापिस आने पर बुद्ध के दंत अवशेश पर विहार बनवाया जीसे पवनी का बुद्ध समय का बुद्ध विहार माना जाता है जीसे पवनी का जगन्नाथ मन्दिर भी कहा जाता है ज़िस का उत्खनन हमारे रिस्तेदार मंसाराम राऊत और गणपत खापर्डे को मिट्टी मे मिले अवशेश को बैठे बैठे मिट्टी कुरेदते हुवे मिले और फिर वहा नागपुर विश्वविद्दयालय और पुरातत्व विभाग भारत सरकार ने उत्खनन विश्व के सामने लाया ! 

हमारे घर मे पुस्तनी नागथाना है जीसे बंगला कहा जाता है ! यह माना जाता है की नाग मन्दार कुल देवता है और उसकी पूजा की जाती है ! 

राऊत कुल पर नाग मन्दार , बाबा फरीद , कबीर का विषेश अनुग्रह रहा है ! 

#दौलतराम

No comments:

Post a Comment