Saturday, 14 June 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Kahara : 9 : 2

पवित्र  बीजक  :  प्रग्या  बोध  :  कहरा  : 9 : 2

कहरा  : 9 : 2

ड़ण्डवा  की  डोरिया  तोरि  लराइनि , जो  कोटिन  धन  होई  हो  ! 

शब्द  अर्थ  : 

डण्डवा  की  डोरिया  = फासी  का  फंदा  ! तोरि  = तुझे  ! लराइनि   = लगाई  है  ! जो  = अगर  ! कोटिन  धन  = विपुल  धन सम्पत्ती  ! होई  हो  = पास  मे  हो  ! 

प्रग्या बोध  : 

परमात्मा  कबीर  कहरा  के  इस  पद  मे  कहते  है  भाईयों  बुरे  कर्म  से  लाखो  करोडो  की  धन  सम्पत्ती  कमाई और  चौरी  ड़केती   खुन  खराबा  करते  हुवे  पकडे  गये   और  कानुन  अर्थत  धर्म  अनुसार  मृत्यू  दंड  सुनाया  गया  तो  आपके  पास  की  लाखो  करोडो  की  धन  सम्पत्ती  आप  को  मृत्यू  दंड  , फासी  का  फंदा  से  नही  बचा  सकती  वैसे  ही  कर्म  फल  से  कोई   नही  बचा  सकता  उसका  ऊतार  केवल  सद  धर्म  सद  कर्म  ही  है  !

धर्मात्मा  कबीर  कर्म  विपाक  अर्थात  कर्म  के  फल  के  बात  को  बडी  सरल  भाषा  मे  यहाँ  समझाते  है  ! अच्छे  कर्म  करो  बुरे  कर्मो  से  दुर  रहो  , शिल  सदाचार  का  मुलभारतिय  हिन्दू  धर्म  का  पालन  करो  विकृती  भरे  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मण अधर्म  और  ऊंके  फंदेबाज  पांडे  पूजारी  ब्राह्मण  संकारचार्य  आदी  फेरेबी  लोगोंसे  दुर  रहो  , होम  हवन  जनेऊ  छुवाछुत  अस्पृष्यता  विषमाता  शोषण झूठ  का  मार्ग  ब्राह्मणधर्म   छोडो  यही  बात  कबीर  साहेब  हमे  यहाँ  बताते  है  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व  परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण  , अखण्ड  हिन्दुस्तान  , शिवशृष्टी

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