Thursday, 19 June 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Kahara : 9 : 7

पवित्र  बीजक  : प्रग्या  बोध  : कहरा  : 9 : 7

कहरा  : 9 : 7

कहहिं  कबीर  सुनो  हो  सन्तो , ग्यान  हीन  मति हीना  हो  ! 

शब्द  अर्थ  : 

कहहिं  = कहता  है  ! कबीर  = स्वयं  परमात्मा  कबीर  ! सुनो  हो  सन्तो  = सुनो  गुणीजन  ! ग्यान  हीन  = बुद्धी ,  माति  हीन  ! 

प्रग्या  बोध  : 

परमात्मा  कबीर  इस  कहरा  मे  ग्यान  को  सर्व  श्रेष्ठ  बताते हुवे  कहते  है  वस्तु स्थिती  , इस  संसार  , धर्म  अधर्म  का  ग्यान  होना  जरूरी  है  ! कबीर  साहेब  कहते है  अंध  विश्वासी  ना  बनो   , पांच  इन्दिय  और  छटी  बुद्धी  से  उसे  परखो  केवल   कुछ  लोग  कहते  परम्परा  है  इस  लिये  मत  मानो  देखो  क्या  वो  वास्तविक  सुखदाई  है  ? 

मोह  माया  लालाच  अहंकार  को  प्रग्या  को  दूषित  ना  करने  दो  , सच्चा  ग्यान  कसौटी पर   परखो  जैसे  सोना  हीरा  आदी  परखे  जाते  है  !  और  इन्हे  परखनेके  की  कसौटीय़ा   है  शिल  सदाचार  समता ममता   भाईचारा  अहिंसा  शांती  बंधुत्व  ! 

मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  की  इन  कसौटीया  लगाकर 
 ही  ग्यान  अग्यान  , धर्म  अधर्म,   सुख  दुख, भला   बुरा  की  पहचान  होगी  ! यही  सच्चा  ग्यान  है  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व  परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान  , शिवशृष्टी

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