कहरा : 3 : 8
कहहिं कबीर सुनो हो संतो , सकल सयाना पहुँना हो !
शब्द अर्थ :
कहहिं : कहना ! कबीर = परमात्मा , धर्मात्मा कबीर स्वायं , चेतन तत्व राम ! सुनो = सुनो समझो , मानो ! संतो = साधु समाज ! सकल सयाना = पूर्ण ग्यानी ! पहुना हो = धन्य हो !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर कहरा के इस पद मे कहते है भाई आधे अधुरे धर्म ग्यानी , अधर्म आचरण करने वाले कभी अंतिम लक्ष निर्वांण की अवस्था को प्राप्त नही हो सकता इस लिये सकल धर्म ग्यान और आचरण की जरूरत होती है , संसारी तो संसारी , साधु संत प्रवृत्ती के लोग भी अंध विश्वास वैदिक अधर्म और विकृती मे फसे हुवे है और अग्यानवश खुद को ग्यानी साधु संत कहते है पर भाईयों जाती वर्ण अस्पृष्यता भेदभाव ऊचनीच विषमाता छुवाछुत कामुक देवी देवता गाय बैल घोडे की बली लेने वाले देवता और सोंमरस पिने वाले लोग और उनका विकृत अधर्म का पालन कर कैसे निर्वांण की अवस्था और चेतन राम के दर्शन कर सकते हो ! धर्मात्मा कबीर इस के लिये सर्वांग सुन्दर सत्य शिव धर्म मुलभारतिय हिन्दूधर्म जो शिल सदाचार समता भाईचारा अहिंसा का मार्ग है उसका पालन करने की सिख यहाँ देते है !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ
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