कहरा : 4 : 2
राम नाम का करहु बनिजिया , हरि मोरा हटवाई हो !
शब्द अर्थ :
राम = परमात्मा चेतन तत्व राम ! नाम = सुस्मरण ! करहु = करता हु ! बनिजिया = वस्तु बेचने वाला बानिया ! हरि = माया मोह अहंकार हरने वाला , छुटकारा देने वाला गुरू ! मोरा = मेरा ! हटवाई = धर्म विचार , विश्वास !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर कहरा के इस पद मे निराकार निर्गुण चेतन तत्व अविनाशी शिव राम को अपना विश्वास कहते हुवे इसी का स्मरण , ध्यान करना चाहिये यह बताते है ! यही विचार का मै प्रचार प्रसार करता हूँ जो मुलभारतिय हिन्दूधर्म है जो समातावादी है !
कबीर साहेब कहते है जो विचार दुख से मुक्ती दे ,अहंकार माया मोह से मुक्ती दे जाती वर्ण विषमाता शोषण छुवाछुत अस्पृष्यता अधर्म विकृती से मुक्ती दे उसी विचार का मै प्रचार प्रसार करता हूँ !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ
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