Thursday, 22 May 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Kahara : 5 : 8

पवित्र  बीजक  : प्रग्या बोध  : कहरा  : 5 : 8

कहरा  : 5 : 8

कहहिं कबीर एक  राम  भजे  बिनु , बुड़ी सब  चतुराई  हो  ! 

शब्द  अर्थ  : 

कहहिं  कबीर  =  कबीर  का  कहना  है  ! एक  राम  = एक  की  परमतत्व  निराकार  निर्गुण  चेतन राम  ! भजे  बिनु  = जाने  बिना !  बुड़ी  = डुबगई  , व्यर्थ गई  ! सब  चतुराई  = सब  ग्यान ! 

प्रग्या  बोध  : 

परमात्मा  कबीर  कहरा  के  इस  पद  मे  निराकार  निर्गुण  अविनाशी  अजर  अमर  सार्वभौम  सर्वत्र सर्वद्यन  केवल   एक  परमात्मा  है  ज़िसने  हम  सब  चराचर  शृष्टी  बनाई  है  वो  हम  सब  मे  है  हम  सब  उसी  मे  है  ! न  वो  अवतार  लेता  है  न  मुर्ती  मे  बसता  है  ! न  वो  दशरथ  का  राम  है  न  अन्य  कोई  राम  नाम  की  व्यक्ती  ! पर  शिव  राम  कृष्ण  आदी  मानव  आपने  गूणो  के  कारण  मानव  समाज  मे  उत्तम  पुरुश  हुवे  जैसे  महाविर  बुद्ध  कबीर  नानक साई  आदी  जैसे  फुले  गांधी  आम्बेडकर  आधुनिक  काल  मे  हुवे  इस  लिये  अनुकरणीय पूज्यनिय  है  पर  परमात्मा  चेतन  राम  नही  ! मर्त्य  लोग  और  चेतन  तत्व  राम  मे  क्या  अंतर  है  कबीर  साहेब ने  आसान  शब्दो  मे  स्पस्ट  किया  और  बताया  की  संसारी  ग्यान  विग्यान  धर्म  मान्यता  पंथ  विचार  सब  बेकार  है  अगर  वो  चेतन राम  की  शिवशृष्टी  वेवस्था  को  नही  जानते  और  ओतर मूर्ती पूजा  ढ़ोंगधतुरे  जाती  वर्ण ऊचनीच  छुवाछुत  अस्पृष्यता  होम  हवन  गाय  बैल  आदी  की  बली  सोमंरस  मेंनका ऊर्वशी   अप्सरा   स्वर्ग नरक वैदिक  असभ्य  देवी  देवता  के अधर्म  और  विकृती  मे  फसे  है  तो  सब  ग्यान  बेकार  है  ! 

कबीर  साहेब  कहरा  पाँच  के  अंतिम  पद  आठ  मे  यही  बात  कहते  है  भाई  शिल  सदाचार  समता  ममता  विश्व  बंधुत्व  का  धर्म  मुलभारतिय  हिन्दू  धर्म  का  पालन  करो  तो  परम  तत्व  चेतन  राम  के  दर्शन  हो  और  जीवन  सफल हो  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व  परमहंस 
दौलतराम  
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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