#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ९८ : आव बे आव मुझे हरि को नाम !
#शब्द : ९८
आव बे आव मुझे हरि को नाम, और सकल तजु कौने काम : १
कहाँ तब आदम कहाँ तब हव्वा, कहाँ तब पीर पैगम्बर हुवा : २
कहाँ तब जिमी कहाँ असमान, कहाँ तब बेद कितेब कुरान : ३
जिन दुनिया में रची मसीद, झूठा रोजा झूठी ईद : ४
साँचा एक अल्लह का नाम, जाको नइ नइ करो सलाम : ५
कहूंधौं बिहिस्त कहाँ ते आई, जिसके कहे तुम छुरी चलाई : ६
कर्ता किरतम बाजी लाई, हिन्दू तुरुक की राह चलाई : ७
कहाँ तब दिवस कहाँ तब राती, कहो तब किरतम किन उत्पाती : ८
नहिं वाके जाति नहिं वाक़े पाती, कहहिं कबीर वाके दिवसनराती : ९
#शब्द_अर्थ :
आव बे आव = मै हरि जानता हूं ! सकल तजु = बाकी सब बेकार ! आदम हव्वा = कल्पित आदम हव्वा की जोड़ी ! जिमी असमान = सृष्टि ! पीर पैगम्बर = ब्रह्मा , अल्लाह ! बेद कितेब = विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के धर्म ग्रंथ वेद और मनुस्मृति और विदेशी तुर्की मुस्लिमधर्म का धर्म ग्रंथ कुरान !
झूठे = नकली , व्यर्थ , अधर्म ! नइ नइ सलाम = नई धर्म मान्यता ! छुरी चलाना = प्राणी हत्या , कुर्बान, होम हवन में बलि ! कर्ता किरतम = ब्रह्मा अब्राहम के धर्म विचार ! हिन्दू तुरक = नकली हिन्दू विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के ब्राह्मण और तुर्की मुस्लिमधर्म के काजी ! जाति पाती = जाति और वर्ण व्यवस्था उचनीच भेदाभेद अस्पृश्यता विषमता छुवाछूत इत्यादि !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर कहते हैं भाईयो सुनो मैं केवल एक धर्म जानता हूं मानता हूं और प्रचार प्रसार करता हूं और वो है सनातन पुरातन समतावादी मानवतावादी समाजवादी वैज्ञानिक दृष्टि रखने वाला मूलभारतीय हिन्दूधर्म !
हमारे देश में कुछ समय पहले विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म आया और अब विदेशी तुर्की मुस्लिमधर्म आया ! दोनों धर्म झूठे और फरेबी है , असमानता शोषण इन के धर्म की मान्यता है बहुत सारे भ्रम उन्होंने फैला रखे कोई ब्रह्मा बताता है तो कोई अल्लाह बताता है , दोनों झूठे है , चेतन तत्व राम निराकार निर्गुण अविनाशी तत्व है इस लिये न वो ब्रह्मा है न पीर है न पैगम्बर है !
नये नये तुर्की मुस्लिमधर्म में लोग धर्मांतरित हो रहे है जिसमें प्राणी हत्या को कुर्बानी के नाम से जायज कहा गया वैसे ही विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म में गाय घोड़े की आहुति बलि होम हवन मे देना जायज कहा गया ! दोनों झूठे है प्राणी हत्या ये लोग मांसाहार के लिये करते है और अल्लाह ब्रह्मा के नाम से अधर्म फैलाते है ! सब दिखावा है , कोई धर्म नहीं , उचनिच भेदाभेद अस्पृश्यता विषमता छुवाछूत आदि अमानवीय विचार को ब्रह्मा ने दिया धर्म कहना मूर्खता है वैसे ही खतना , नकली रोजे उपवास करने से किसे धर्म का पालन होता है ! इनका ब्राह्मण धर्म और अब्राहम धर्म जो रक्त शुद्धि वर्ण जाति वेवस्था का समर्थन करता है सब असभ्यता और विकृति है !
मेरा धर्म सनातन पुरातन आदिवासी मूलभारतीय सिंधु हिन्दू संस्कृति को मानने वाला समतावादी मानवतावादी समाजवादी वैज्ञानिक दृष्टि रखने वाला धर्म है , मूलभारतीय हिन्दूधर्म यही बात कबीर साहेब यहाँ कहते हैं !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
No comments:
Post a Comment