१ . #भगवान_शिव :
नेटिव भगवान शिव ने विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के संस्थापक ब्रह्मा का सर काट लिया ! वर्ण जाति वेवस्था उचनीच , अस्पृश्यता , विषमता , लिंग भेद को , रंग भेद को विरोध कर समता स्थापित की !
२ . #महावीर :
नेटिव भगवान महावीर ने विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के वर्ण जाति , उचनीच , भेदाभेद , विष्णु ब्रह्मा आदि देवी देवता नकार कर मूलभारतीय हिन्दू धर्म का समता शील अहिंसा का मार्ग प्रशस्त किया !
३ . #बुद्ध :
भगवान बुद्ध ने विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के जाति वर्ण अस्पृश्यता विषमता शोषण के विकृत धर्म संस्कृति , प्राणी हत्या होम हवन आदि अधर्म को नकार कर मूलभारतीय हिन्दूधर्म के पंचशील का मार्ग प्रशस्त किया !
४ . #राम :
नेटिव नाग मौर्य वंशी भगवान राम ने अहंकारी विदेशी वैदिक ब्राह्मण को और उसके भाई कुंभकर्ण , बेटा मेघनाथ आदि अनेक वैदिक ब्राह्मणधर्म के ब्रह्मिनोको उनके कुकर्म की सजा दी और मूलभारतीय हिन्दूधर्म की मर्यादा की रक्षा की , जाती भेद , अस्पृश्यता , स्त्री मुक्ति और प्रतिष्ठा दिलाई !
५ . #कृष्ण :
नेटिव नाग यदु वंशी भगवान कृष्ण ने मूलभारतीय हिन्दूधर्म की व्यापकता को पुर्नस्थापित कर ज्ञान , भक्ति , कर्म मार्ग का विश्लेषण कर विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के ब्रह्मिनोको बताया की नेटिव लोग ही उनके मूलभारतीय हिन्दू धर्म के ज्ञानी है , विदेशी ब्राह्मण नही , उसने भीष्म , विदुर , युद्धिस्थर आदि को धर्मात्मा और धर्मज्ञानी बताया और विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के अस्वस्थामा को उसके अधार्मिक अधमी कृति के लिए उसके खोपड़ी में छेद कर मार डाला !
६ . #कबीर :
धर्मात्मा कबीर ने विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के वर्ण जाति विषमता अस्पृश्यता , अवतार आदि प्रत्यारोपित विषधर्म की डार जो मूलभारतीय हिन्दूधर्म के अमृत वृक्ष पर विदेशी ब्रह्मिनोने प्रत्यारोपित किया उसको हटा कर मूलभारतीय हिन्दूधर्म और विदेशी यूरेशियन ब्राह्मणधर्म अलग अलग है यह विचार पुर्नस्थापित कर मूलभारतीय हिन्दूधर्म को अपनी वाणी पवित्र बीजक में मूलभारतीय हिन्दूधर्म का एकमात्र शुद्ध धर्मग्रंथ वाणी रूप में अर्जित किया और मूलभारतीय हिन्दूधर्म पुर्नस्थापित किया !
७ . #नानक :
नेटिव गुरु नानक देव ने नेटिव धर्मात्मा कबीर के नक्शे कदम पर चलते हुवे और अन्य साधु संतो के मूलभारतीय हिन्दूधर्म के तत्व लेते हुवे विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म को ठुकरा दिया जनेऊ , होमहवन , ब्राह्मण पंडा पुजारी , जाती वर्ण व्यवस्था उचनीच सब को खारिज कर कबीर सिख पर सिख मार्ग और मूलभारतीय हिन्दूधर्म विचार प्रशस्त किया !
८ . #शिवाजी :
नेटिव हिरो छत्रपति शिवाजी महाराज ने विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म से हुवा अपना पहला राज्यारोहन समारंभ को स्वयं खारीज कर जनेऊ उतरकर फेक दिया और धर्मात्मा कबीर के मूलभारतीय हिन्दूधर्म के अनुयाई निश्चलपुरी गोसाई के हाथो अपना दूसरा राज्याभिषेक धर्मात्मा कबीरवाणी पवित्र बीजक के दोहे गाकर किया और मूलभारतीय हिन्दूधर्म को राज मान्यता प्रदान की ! पवित्र बीजक को मूलभारतीय हिन्दूधर्म का एकमात्र धर्मग्रंथ माना और उसके प्रचार प्रसार के लिए कबीर पंथी लोगोका समूह निर्माण किया , महात्मा गांधी , डॉक्टर आंबेडकर के माता पिता इसी कबीर पंथ से थे जो शिवाजी महाराज की प्रेरणा से महाराष्ट्र , कर्नाटक , गुजरात में स्थापित हुवी जो जाति वर्ण , वेद भेद , मनुस्मृति , जनेऊ होमहवन आदि नकार कर मूलभारतीय हिन्दूधर्म का प्रचार प्रसार कर रहे थे , शिवाजी महाराज ने विदेशी वैदिक ब्राह्मणधर्म के ब्राह्मणों का वध किया जीसमें भास्कर कुलकर्णी आदी थे ! मूलभारतीय हिन्दूधर्म के कबीरवाणी बीजक का बढ़ता प्रभाव देख कर विदेशी यूरेशियन ब्राह्मणधर्म के ब्राह्मणों पहले शिवाजी महाराज , तुकाराम महाराज,फिर संभाजी महाराज और और उनके वंशज का छल कपट कर खून किया और बंदी बनाया , महत्मा गांधी की हत्या की और डॉक्टर आंबेडकर पर विष प्रयोग किया !
९ . #फूले :
नेटिव महात्मा फुले ने विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म और ब्रह्मिनोकी चलाखी को जल्दी भाप लिया और गैर ब्राह्मण विचार को मजबूती से खड़ा किया , उनके शिक्षा के लिए स्कूल खोले , सत्यधर्म की व्याख्या की !
१० . #आंबेडकर :
नेटिव हिरो डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर ने बुद्ध कबीर फूले को अपना गुरु मानकर उनका विचार और खासकर मूलभारतीय हिन्दू को परिभाषित कर हिंदू कोड बिल में समतावादी जैनधर्म बुद्धधर्म , सिखधर्म और मूलभारतीय हिन्दूधर्म को एक सांस्कृतिक और जमीनी पहचान एक सूत्र में बांध कर विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म अलग है यह बात लोगो के संज्ञान में ले आये !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरु_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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