#शब्द : ९
संतो बोले ते जग मारे : १
अनबोले ते कैसक बनि है, शब्दहि कोइ न बिचारे : २
पहले जन्म पुत्र का भयऊ, बाप जन्मिया पाछे : ३
बाप पूत की एकै नारी, ई अचरज कोइ काछे : ४
दुन्दूर राजा टीका बैठे, विषहर करै खवासी : ५
श्वान बापुरा धरिन ढाकनो, बिल्ली घर में दासी : ६
कार दुकार कार करि आगे, बैल करे पटवारी : ७
कहहिं कबीर सुनो हो संतो, भैसे न्याय निबेरी : ८
#शब्द_अर्थ :
अनबोले ते = चुप रहने से ! काछे = हटाये ! दुन्दूर = मेंढक , तामसी , रागीट ! विषहर = विषधर , सर्प ! खवासी = चाकरी , सेवा ! श्वान = कुत्ता , आचरणहीन ! बिल्ली = अवसरपरस्त , लालची ! कार = कर्तव्य ! बैल = विवेकहीन ! पटवारी = गुरु , अधिकारी ! भैंसे = मूर्ख , तामसी ! न्याव = न्याय , फैसला ! निबेरी = करना , देना !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर इस उलटवांसी रूपक में कहते है भाई सुनो अब चोर , लुटेरे राज करने लगे है ! चरित्रहीन मायावी लोग धर्म के नाम से अधर्म बता रहे है जैसे मेंढक ने माथे पर टीका , तिलक , चंदन लगाकर धार्मिक गुरु बन बैठ गया हो वैसे जगह जगह विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के पंडे पुजारी बैठे है और मेंढक की तरह आवे आव कर बुला रहे
है ! मेंढक राजा बन गया और सर्प ,नाग उसकी सेवा में लग गए है ! कुत्ता कहता है मैने अपनी पूंछ से पूरी धरती ढक डाली है , मेरी हो गई है जैसे तीन पाव में सारी पृत्वी वामन नाम का विदेशी बामन कहता है पर सच तो ये है कुत्ता अपनी पुंछ से अपना पिछवाड़ा तक पूरी तरह नही ढक सकता ! बिल्ली चुहोंकी दास बन गई है जैसे मूलभारतीय लोग विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के पंडे पुजारी के और उनके पंडे ब्राह्मण धर्म अधर्म का भेद भी नही जानते पर तब भी पाप पुण्य , स्वर्ग नरक की बाते बताते है अनेक अनैतिक कार्य को धर्म बताकर लोगोंको ठगते है ये बैल ये मोटे भैंसे क्या न्याय दे सकते है क्या इनमे न्यायिक चरित्र है ? पूछते है कबीर साहेब !
कबीर साहेब पहले ही कह चुके है भाईयो चेतन राम को समझो जानो ! चेतन राम ने जीव बनाया और जीव से नारी अर्थात माया मोह इच्छा लालच अहंकार आदि दुर्गुण का जन्म हुवा ! इस सत्य को हम बताते है तो विदेशी वैदिक ब्राह्मणधर्म के पांडे पुजारी हमे मारने दौड़ते है ! इन्हे सत्य पसंद नही , ये लोगोंको अज्ञानी अधर्मी बनाए रखना चाहते है ताकि इनका पेट अज्ञान पर पलता रहे ! पर ये लोग हमे मारे चाहे कुछ भी करे हम सत्यधर्म मूलभारतीय हिन्दूधर्म बताते रहेंगे चाहे ये हमारी जान लेले , हम सत्य बोलने से नही हटेंगे ! सत्यधर्म बताकर रहेंगे क्यू की ये विवेक और लोग कल्याण की बात है !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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