#रमैनी : ७०
बोलना कासो बोलिये रे भाई * बोलत ही सब तत्व नसाई
बोलत बोलत बाढू विकारा * सो बोलिये जो पड़े विचारा
मिलहि सन्त बचन दुइ कहिये * मिलहि असंत मौन होय रहिये
पण्डित सो बोलिये हितकारी * मुरख सो रहिये झखमारी
कहहीं कबीर अर्ध घट डोलै * पूरा होय विचार ले बोलै
#शब्द_अर्थ :
बोलना = बात ! सब तत्व = वाणी के गुण ! पंडित = ज्ञानी , विवेकी ! झखमारी = बिना काम का , निराश !
घट = पानी का घडा !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर कहते है भाईयो चेतन राम ने मानव को अद्भुत वाणी दी है उसका सद बुद्धि से उपयोग करो कभी जल्दबाजी और बिना पूरा विचार किए कभी ना बोलो ! बोलने की जल्दी नही जरा शांत रहो , मौन रहो क्यू की वाणी बाण की तरह होती है जबान से छूट जाय तो फिर वापिस नही आती है और गलत शब्द अप्रिय शब्द बाण की तरह चुभते है !
कबीर साहेब कहते है भाई आप किस से बात कर रहे हो पहले ठीक से समझ लो , साधु , अच्छा आदमी , पंडित ज्ञानी मिले तो दो चार अच्छी बात करो और सुनो और मूर्ख मिले तो निकल लो क्यू की मूर्ख से बहस बातचीत निरर्थक होती है और सिर्फ कटुता निर्माण करती है !
काम की बात करो अनावश्यक बात का क्या मतलब ! कबीर साहेब कहते है अर्ध ज्ञानी और अर्ध जानकारी की बात उस अर्ध भरे घड़े की तरह होती है जो इधर उधर हिलाता और छलकता रहता है पूरा घड़ा और ज्ञानी शांत रहता है !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरु_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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