Saturday, 21 September 2024

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Shabd : 8 : Santo Aavai Jaay So Maaya !

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ८ : संतो आवै जाय सो माया !

#शब्द : ८ 

संतो आवै जाय सो माया : १
है प्रतिपाल काल नहिं वाके, ना कहुँ गया न आया : २
का मकसूदन मच्छ कच्छ न होई, शंखासुर न संहारा : ३
है दयाल द्रोह नहिं वाके, कहहु कौन को मारा : ४
वै कर्ता नहिं बराह कहाये, धरणि धरयो नहिं भारा : ५
ई सब काम साहेब के नाहीं, झूठ कहै संसारा : ६
खम्भ फोरि जो बाहर होई, ताहि पतीजे सब कोई : ७
हरणाकुश नख वोद्र बिदारा, सो कर्ता नहिं होई : ८
बावन रूप न बलि जाँचे, जो जाँचे सो माया : ९ 
बिना विवेक सकल जग भरमे, माया जग भरमाया : १०
परशुराम क्षत्री नहिं मारे, ई छल माया कीन्हा : ११
सतगुरु भेद भक्ति नहिं जाने, जीवहि मिथ्या दीन्हा : १२
सिर्जनहार न ब्याही सीता, जल पषाण नहिं बंधा : १३
वै रघुनाथ एक कै सुमिरै, जो सुमिरै सो अंधा : १४
गोपी ग्वाल न गोकुल आया, करते कंस न मारा : १५
है मेहरबान सबहिन को साहेब, ना जीता ना हारा : १६
वै कर्ता नहिं बौद्ध कहावै, नहीं असुर संहारा : १७ 
ज्ञान हीन कर्ता के भरमें, माये जग भरमाया : १८ 
वै कर्ता नहिं भये निकलंकी, नहिं कालिंगहीं मारा : १९
ई छल बल सब माया कीन्हा, जत्त सत्त सब टारा : २०
दश अवतार ईश्वरी माया, कर्ता कै जिन पूजा : २१
कहहिं कबीर सुनो हो संतो,  उपजै खपै सो दूजा : २२

#शब्द_अर्थ : 

आवै जाय = जन्म मरण ! मकसूदन  = मधु  या मकसूद को मारने वाला कृष्ण !  पतीजै :  दया , विश्वास करना !  जांचे = मांगना ! बौद्ध = गौतम बुद्ध ! निकलंकी =  कल्कि अवतार !  कालिंगहीं = कलिंग देश का राजा , लोग !  जत्त = यती , त्यागी ! सत्त  = सत्यवती , पवित्र ! टारा = तारा , पतित करना ! दूजा = दूसरा संसारी व्यक्ति ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर कहते हैं भाईयो परमपिता चेतन राम जो कण कण है , और ये समस्त संसार में व्यापी है वो न कभी जन्म लेता है न मरता है न अवतार लेता है न पैगंबर , दूत बन कर आता है वो चेतन राम निराकार निर्गुण अविनाशी है इसलिए न उसने दस अवतार लिए न कोई ईश्वरी किताब लिखी , न बताई , न दूत भेजे , न वेद बताए न मनुस्मृति बनाई ! 

दस अवतार , ईश्वरी वेद , ईश्वर का पुत्र ब्रह्मा , विष्णु ,रुद्र आदि सब झूठ है ! 
जीव का जन्म मरण है , मोह माया मिथ्या अहंकार लालच के कारण विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के लोगों ने यह दश अवतार आदि  मनगधन्त बाते बनाई है , ब्राह्मणों ने ही बलि को छला और मच्छ , कच्छ, वराह , नकली सिंह जैसे बेवकूफी भरी बाते बताकर मूलभारतीय हिन्दू धर्मी लोगोंको बरगलाते रहे !  परशुराम ब्राह्मण ने मौर्य सम्राट अशोक का नाती संप्रति के समय साकेत के पास विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म का राज्य स्थापित करने की कोशिस की थी उसे संप्रति ऊर्फ सम्राट सौभोम ने मार गिराया इसलिए उसे प्रति प्रशुराम राम कहा गया ! वोभी मानव जीव था ईश्वर या उसका अवतार नही उसी प्रकार मौर्य कुल के नागवंशी कृष्ण भी केवल मानव जीव थे ! 

गौतम बुद्ध भी समता भाईचारा मानवता सदाचार शील शांति का विचार देने वाले जीव थे ईश्वरी अवतार नहीं न कलंकी अवतार न कल्कि अवतार सच है ! 

ईश्वर का अवतार लेना यह बकवास विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के लोगों ने भोलेभाले मूलभारतीय गैर ब्राह्मण को ठगने के लिए भ्रांतियां बनाई , उसी प्रकार ब्रह्मा विष्णु इंद्र  रुद्र आदि सभी विदेशी जीव थे जो जन्मे और खप गए , इन विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के ये ब्राह्मण अवतार कितने गिरे हुवे थे ये बता ने की जरूरत नहीं , ब्रह्मा ने खुद अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार किया , इतना बताना काफी है !  ईश्वर ऐसा नहीं है ! वो निराकार निर्गुण अविनाशी राम हम सब के अंतर्मन में है पर हर जीव मोह माया इच्छा अधार्मिक आदि के कारण बार बार जन्म लेता है और दुख दर्द भरी मायावी जिंदगी अधर्म के कारण जीता है मरता है ! हा ये सच है जो मर्यादा का पालन करते है सदधर्म का पालन करते हुवे मरते है वे मोक्ष , निर्वाण को प्राप्त करते है वही सदधर्म धर्मात्मा कबीर अपनी वाणी पवित्र बीजक में बताते है !  यही मूलभारतीय हिन्दूधर्म है !

#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस 
#दौलतराम 
#जगतगुरु_नरसिंह_मूलभारती 
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
कल्याण , #अखण्डहिंदुस्तान , शिवश्रृष्टि

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