#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ११ : #संतो_पाँडे_निपुण_कसाई !
#शब्द : ११
संतो पांडे निपुण कसाई : १
बकरा मारि भैंसा पर धावै, दिल में दर्द न आईं : २
करि स्नान तिलक दै बैठे, विधि सो देवि पूजाई : ३
आतमराम पलक में बिनसे, रुधिर की नदी बहाई : ४
अति पुनीत ऊंचे कुल कहिये, सभा माहिं अधिकाई : ५
इन्हते दीक्षा सब कोई मांगे, हँसी आवै मोहि भाई : ६
पाप काटन को कथा सुनावै, कर्म करावै नीचा : ७
हम तो दूनों परस्पर देखा, यम लाये हैं धोखा : ८
गाय बधे तो तुरुक कहिये, इतने वै क्या छोटे : ९
कहहिं कबीर सुनो हो संतो , कलिमा ब्राह्मण खोटे : १०
#शब्द_अर्थ :
पाण्डे = वैदिक पांडे , ब्राह्मण पुजारी ! निपुण = चतुर ! दर्द = पीड़ा , दुख ! अधिकाई = धर्म अधिकारी , गुरु ! दीक्षा = धर्म ज्ञान ! कलिमा = कलियुगी यम ! खोटे = असत्य, बुरे !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर कहते हैं भाईयो सुनो ये विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के पंडे पुजारी जो बाहर से हिंदुस्तान में अपना वैदिक ब्राह्मणधर्म ले आये है शुरू से ही हिंसक असभ्य खुनशी और हत्यारे और पापी का अधर्म विकृति रही है ! ये वैदिक ब्राह्मणधर्म के लोग होम हवन के नाम पर और अग्नि से साक्षात सशरीर उनके देवी देवता ब्रह्मा इंद्र रुद्र गायत्री आदि प्रगट होते है ऐसी पुरानी मनगढ़ंत मान्यता लेकर हिंदुस्तान में भी लाखों गाय बैल भैंसे घोड़े कत्ल करते रहे ! इन ब्राह्मणोकी इस घृणित धर्म मान्यता गोमेध अश्वमेध आदि हिंसा पर प्रहार करते हुवे कबीर साहेब इन विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के पांडे पुजारी को सीधे सीधे क्रूर यमराज कहते है ! इनके धर्म को विकृति और अधर्म पाप मान कर कहते है भाई जब लोग पाप काटने , कम करने कथा सुनते है , लोग इनसे दीक्षा , मंत्र माला लेते है तिलक लगवाते है धार्मिक कथा पूजा करते है तो मुझे बड़ी हँसी आती है और लोगोंके मूर्खता पर तरस आता है ! येतो अधर्म की शिक्षा दीक्षा देते है , झूठे फरेबी मंत्र पढ़ते है बताते है जो मूलभारतीय को नीच , शुद्र , अस्पृश्य , गुलाम बताते है !
वैदिक ढोंगी पंडित पूजारी सबेरे सबेरे उठकर चंदन तिलक लगाकर इसी फिराक में बैठे रहते है कोई बेवकूफ मूलभारतीय आए और उसे झूठी असत्य नारायण पूजा , होम हवन करा कर उल्टे पाप में फसा दे ! ये ब्राह्मण बड़े झूठे और निपुण कसाई है अब मुर्गी आदि सब मार कर खाते है और तुर्की से आए धर्म को तुर्क कहकर वो पशु मांस गोश्त खाते है तो उन्हें बुरा कहते है जब की इनमें और तुर्की में काई फर्क नहीं दोनों हत्यारे नीच और पापी है और ब्राह्मण तो उनसे भी जादा नीच ओर पापी है !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरु_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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