Monday, 30 September 2024

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Shabd : 17 : Ramhi Gaavai Aurahi Samuzaavai !

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : १७ : रामहि गावै औरहि समझावै 

#शब्द : 

रामहि गावै औरहि समझावै, हरि जाने बिनु बिकल फिरें : १
जेहि मुख वेद गायत्री उचरे, ताके बचन संसार तरे : २
जाके पाँव जगत उठि लागे, सो ब्राह्मण जीव बद्ध करें : ३
आपन ऊंच नीच घर भोजन, घिन कर्म  हठि वोद्र भरे : ४
ग्रहण अमावस ढूकी ढूकि माँगे, कर दीपक लिये कूप परे : ५
एकादशी व्रत नहिं जाने, भूत प्रेत हठि वृदय धरे : ६ 
तजि कपूर गाँठी विष बाँधे, ज्ञान गवांये मुग्ध फिरे : ७
छीजै साहू चोर प्रतिपाले, सन्त जाना की कूटि करे : ८
कहहिं कबीर जिभ्या के लंपट, यहि विधि प्राणी नर्क परे : ९

#शब्द_अर्थ : 

रामहि गावै = राम की ईश्वर की कीर्ति ! वेद  गायत्री मंत्र  = विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के धर्म विचार !  बद्ध करे = हत्या करे ! घिन कर्म = घृणित कर्म !  ढूकि ढुकि = ढूंड़ ढूंढ , घुस घुस कर देखना ! मुग्ध = मूर्ख, अज्ञानी ! कुटि करे = चेष्टा करे ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर कहते है भाईयो विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म और मूलभारतीय हिन्दूधर्म अलग अलग है ! उनके धार्मिक विचार , धर्मगुरु , तीज त्यौहार अलग अलग है ! विदेशी वैदिक यूरेशियन ब्राह्मणधर्म का धर्मग्रंथ वेद है जहाँ है भेदाभेद , उनका गायत्री मंत्र अश्लील है वहाँ कोई नीतिमत्ता नहीं , उनका कानून मनुस्मृति है जहा जाति वेवस्था उचनीच भेदाभेद अस्पृश्यता विषमता आदि अमानवीय विचार है !  मूलभारतीय हिन्दूधर्म का धर्म लोकधर्म समता शांति अहिंसा भाईचारा मानवता , विज्ञानवादी सनातन पुरातन आदिवासी मूलभारतीय समाज का है जो किसी ब्राह्मण को अपना धर्मगुरु , पुरोहितों नहीं मानता इसके धर्म ज्ञानी साधु संत है ! 

विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के ईश्वर देवी देवता होम हवन में अग्नि से प्रगट होते है जहां गो हत्या , अश्व हत्या आदि प्राणी हत्या , सोम रस दारू , अश्लील हरकते सामान्य बात है ! 

हिन्दू एकादशी आदि व्रत करते है अमावस्या को उपवास करते है ये विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के ब्राह्मण हिन्दू के घर में  जा जा कर दान मांगते है  ये ढोंगी हत्यारे है , ज्ञानी नही पापी है , राम की बाते  करते है परे चेतन राम को नहीं जानते , लोगोंको दुख देना , उनको लूटना स्वर्ग नरक पाप पुण्य भूत प्रेत आदि का डर पर इनका पुरोहिति धंधा चलता है और ये सच्चे ज्ञानी साधु संत की कुचेष्टा करते रहते है !  

विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के पुरोहित ब्राह्मण खुद को श्रेष्ठ कहते है और मूलभारतीय हिन्दूधर्मी लोगोंको नीच शुद्र अस्पृश्य गुलाम कहते गैर साधु संत का अपमान करते है ऐसे ब्राह्मण निश्चित ही नर्क में जायेंगे !

कबीर साहेब विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म से दूर रहने की सलाह मूलभारतीय हिन्दूधर्मी लोगोंको देते है !

#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस 
#दौलतराम 
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती 
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ 
कल्याण , #अखण्डहिंदुस्थान , #शिवश्रृष्टि

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