Wednesday, 27 November 2024

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Shabd : 75 : Aso Bhram Birguchan !;

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ७५ : ऐसो भरम बिगुर्चन भारी ! 

#शब्द : ७५ 

एसो भरम बिगुर्चन भारी : १
वेद कितेब दीन औ दोजख, को पुरुष को नारी : २
माटी का घट साज बनाया, नादे बिंद समाना : ३
घट बिनसे क्या नाम धरहुगे, अहमक खोज भुलाना : ४
एकै त्वचा हाड़ मल मूत्रा, एक रुधिर एक गुदा : ५
एक बुंद से सृष्टि रची है, को ब्राह्मण को शुद्रा : ६
रजोगुण ब्रह्मा तमोगुण शंकर, सतोगुणी हरि होई : ७
कहहिं कबीर राम रमि रहिये, हिन्दू तुरुक न कोई : ८

#शब्द_अर्थ : 

भरम = भ्रम ! बिगुर्चन = उलझन ! दीन = धर्म , मजहब, पंथ ! दोजख = नरक ! घट = शरीर ! साज = शरीर की बनावट ! नादे = प्राण ! बिंद = वीर्य ! अहमक = अग्यानी ! गुदा = मांस ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर कहते भाई कुछ लोगोने अनावश्यक भेदभाव फैलाए रखा है , वेद और कुरान ये हमारे ईश्वरीय धर्म ग्रंथ है और हमारा ही धर्म ग्रंथ श्रेष्ठ है कहने वाले विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के पाण्डे पुजारी ब्राह्मण और तुर्की मुस्लिमधर्म धर्म के मुल्ला मौलवी दोनो यहाँ के मूलभारतीय हिन्दूधर्मी समाज को कमजोर कर राज करना चाहते हैं इस लिऐ धर्म के नाम पर नर्क आदि का डर दिखाकर स्त्री पुरुष की समानता नहीं मानते जब की ईश्वर ने स्त्री पुरुष में कोई भेदभाव नहीं किया है , दोनों एक जैसे ही प्राण और वीर्य से बने है , स्त्री पुरुष विषमता बेकार है ! 

कबीर साहेब जिस प्रकार स्त्री पुरुष विषमता भेदभाव बेकार है कहते है उसी प्रकार मानव मानव में रज तम सत गुण पर आधारित विदेशी वैदिक यूरेशियन ब्राह्मणधर्म का वर्ण जाति विभाजन और चार वर्ण , हजारो जाति उप जाती और उनमें भेदभाव उचनीच , विषमता अस्पृश्यता बेकार है मानते है और न कोई जन्म से या कर्म से ब्राह्मण है ना कोई गुण और जन्म से क्षुद्र अस्पृश्य मानते है ! सब मूर्खता है ! लोगों को ठगने का धंधा है ! यह काई धर्म नही अधर्म और विकृति है ! 

कबीर साहेब गुण पर मानव विभाजन और जन्म पर मानव विभाजन भेदाभेद दोनो गलत मानते है और त्याज्य मानते हैं ! कबीर साहेब कहते है एक चेतन तत्व राम से एक जैसे ही सारे मानव की निर्मिती हुई है त्वचा , हाड़ मांस प्राण वीर्य रुधिर सब एक जैसे है , वर्ण जाति वेवस्था ईश्वर निर्मित नहीं , स्त्री पुरुष भेदभाव विषमता ईश्वर निर्मित नहीं दिनों वेद , मनुस्मृति , कुरान आदि द्वारा निर्मित है और ये दोनों धर्म ग्रंथ मानव निर्मित है ! अंततः ना कोई तुरुक मुस्लिम है ना यूरेशियन पंडित ब्राह्मण है न वो श्रेष्ठ है न मूलभारतीय कनिष्ठ है , शुद्र और अस्पृश्य होने का सवाल ही नहीं उठता ! मानव मानव एक समान यही मूलभारतीय हिन्दूधर्म है ! 

#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस 
#दौलतराम 
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती 
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ 
#कल्याण, #अखण्डहिंदुस्थान , #शिवसृष्टि

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