#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ७७ : आपन आश कीजै बहुतेरा !
#शब्द : ७७
आपन आश कीजै बहुतेरा, काहु न मर्म पावल हरि केरा : १
इन्द्री कहाँ करे विश्रामा, सो कहाँ गये जो कहत होते रामा : २
सो कहाँ गये जो होत सयाना, होय मृतक वह पदहि समाना : ३
रामानन्द रामरस माते, कहहिं कबीर हम कहि कहि थाके : ४
#शब्द_अर्थ :
बहुतेरा = बहुत प्रकार से ! विश्रामा = शांति ! सयाना = बुद्धिमान !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर कहते हैं भाईयो अपने ऊपर की आस्था , स्व पर भरोसा करो , सब से जादा खुद पर भरोसा करो उसे कम न आकों क्यू की तुम खुद हरि हो , चेतन राम हो ! अमरत्व चेतन राम से खुद तुम बने हो ! फिर अपने आप को क्यू किसी से कम , शुद्र , अस्पृश्य गुलाम, अछूत समझे ?
जैसे सब का शरीर है इंद्रिय है वैसा ही शरीर इंद्रिय तुम्हारे पास ही है पुरुषत्व , पुरुषार्थ करो , तुम किसी के गुलाम नहीं ! केवल राम नाम रटने से कुछ नहीं होगा ! केवल हरि हरि कहने से कुछ नहीं होगा , केवल शिव शिव कहने से कुछ नहीं होगा ! इंद्रिय शक्ति को काम में लगावो , अपनी गुलामी मिटाने के लिये काम में लगावो ! आज ही तुम तुम्हारी गुलामी दुर्दशा मिटा सकते हो क्यू की तुम अभी जिंदा हो , कर सकते हो ! मृत व्यक्ति चाहे जितना होशियार , ताकतवर रहा हो बहुत पढ़ाई की हो बहुत सारी डिग्रियां हासिल की हो सब मरने के बाद बेकार हो जाती है , मृत डॉक्टर किसी का इलाज नहीं कर सकता चाहे वो कितना ही तज्ञ , होशियार, नामचीन रहा हो !
विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के कुछ लोगोने राम भक्ति यानी राम नाम रटाऊ उद्योग शुरू किया है वे दशरथ पुत्र राम राजा का नाम लेकर भक्ति करने की बात करते हैं, किसी ने कृष्ण भक्ति का पंथ शुरू किया , तो किसीने शिव भक्ति का शिव पंथ शूरू किया ! वेदांत , भागवत , वैष्णव, वारकरी अनेक नाम से नाम भक्ति के मार्ग में लगाकर ये रामानंदी पंथी विदेशी ब्राह्मण तुमको अस्पृश्यता , विषमता, छुआछूत , विषमता जातिवाद वर्णवाद भेदाभेद उच्चनीच आदि अमानविय विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म से लड़ने से रोकने की चाल है , अन्य कुछ नहीं !
कबीर साहेब झूठे रामानंदी , योगी , नाम भक्ति की पोलखोल कर कहते है , राम चेतन राम तुम खुद हो ! शक्ति राम तुम खुद हो , आत्माराम तुम खुद हो ! खुदपर भरोसा करो , इंद्रिय शक्ति , विचारशक्ति पर भरोसा करो और पुरुषार्थ करो यही बात मै कह कह कर थक गया हूँ ! विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के लोग तुम्हारे लिये लड़ने वाले नहीं क्यू की वही शोषण करते हो , तुम मानव हो राम तुम में हि राम है तुम किसी से कम नहीं !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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