Monday, 17 November 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Chaachar : 2 : 13

पवित्र बीजक : प्रग्या बोध  : चाचर  : 2 : 13

चाचर  : 2 : 13

छुटन की  संशय परी , मन  बौरा  हो  ! 

शब्द  अर्थ  : 

छुटन  = छुवाछुत  !  संशय  = विचार  ! बौरा  = मूर्ख  ! 

प्रग्या  बोध  : 

परमात्मा  कबीर  चाचर  के  इस  पद  में  बताते है  की  छुवाछुत  ,अस्पृष्यता  का  विचार  रखाना  मूर्खता  है !   जो लोग  छुवाछुत  और  अस्पृष्यता  का  धर्म  मानते  है उसे  धर्म  मानते  है  वे  अधर्मी  निच  मूर्ख  है  , वे  कभी  भी  मोक्ष  , सदगती  प्राप्त  नही  कर  सकते  ! ये  संशइ  लोग  मन  मे  हमेशा  भटकते  रहते है  क्या ये  स्पृष्य  है  क्या  ये  अस्पृष्य  है  इसे  छुना  चाहिये  या  नही  छुना  चाहिये  ! 

धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती 
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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