Saturday, 22 November 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Chaachar : 2 : 18

पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : चाचर  : 2 : 18

चाचर  : 2 : 18 

एसो  भरम  विचार , समुझि  मन  बौरा  हो ! 

शब्द  अर्थ  : 

एसो  = इस  प्रकार के ! भरम  =  झूठ  ! विचार  = धर्म ,  संकृति  ! मन  बौरा  = अस्थिर  मन  ! 

प्रग्या  बोध : 

परमात्मा  कबीर  चाचर  के  इस  पद  में  कहते  है भाईयों  झूठा  धर्म  संस्कृती  का  पलान  ना  करो  जैसे  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्म  यह  पुरा  का  पुरा  झूठ  और फरेब  ,भ्रमित  करने  वाला  विचार  आचार  है  वह  धर्म  नही  अधर्म  है  संस्कृती  नही  विकृती  है  एसे  अधर्म  और  विकृती का  पालन  करना  ही  दर्षाता  है  की  आप  का  मन  पगला  गया  है  आप  भ्रमित  हो  गये  हो ! 

धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती 
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ 
कल्याण ,अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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