Monday, 27 January 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Gyan Chountisaa : Dha

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #ज्ञान_चौंतीसा : #ध 

#ज्ञान_चौंतीसा : #ध

धधा अर्ध माहिं अँधियारी, अर्ध छोडि उर्ध् मन तारी /
अर्ध छोडि ऊर्ध मन लावै, आपा मेटि के प्रेम बढ़ावै //

#शब्द_अर्थ : 

अर्ध = आधा , अधूरा , निचला ! ऊर्ध = ऊपरी , अच्छा ! तारी = ध्यान ! आपा = अहंकार , मै पन ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर ज्ञान चौंतीसा के अक्षर ध के माध्यम से उपदेश करते हुवे बताते है भाइयों मन ओर विचार को अच्छा बनावो ! मन में सदभाव शील सदाचार भाईचारा समता शांति अहिंसा मानवता आदि उच्च धार्मिक गुण जगावो और नीच मनोवृति , नीच विचार अधर्म विकृति को छोड़ दो ! 

कबीर साहेब अच्छे विचार को बढ़ावा देना और बुरे विचार को दूर करना इस विद्या कोही ध्यान कहते है ! मन लगाकर कोई काम करो तो सफलता मिलती है !

मन अच्छे और उच्च विचार गुणवत्ता के काम में लगावो और नीच कर्म , अधर्म छोड़ दो यही बात कबीर साहेब हमे यहां बताते हैं समझाते हैं , सिख देते है ! 

#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस 
#दौलतराम 
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती 
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ 
#कल्याण, #अखंडहिंदुस्थान, #शिवसृष्टि

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