Saturday, 11 January 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Gyy Chountisaa : Kha

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #ज्ञान_चौंतीसा : #ख

#ज्ञान_चौंतीसा : #ख

खखा चाहै खोरि मनावै, खसमहिं छांडि दहूं दिशि धावै /
खसमहि छांडि छिमा हो रहिये, होय न खीन अक्षयपद लहिये // 

#शब्द_अर्थ : 

खोरि = बुराई , झूठ, दोष ! मनावै = सुधारे ! खासमहिं = पति, मालिक ! खसमहि = दुश्मन ! छिमा = क्षमा ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर ज्ञान चौंतीसा का ख वर्ण का भेद समझाते हुवे कहते है भाईयो मूलभारतीय हिन्दूधर्म छोड़ कर आप लोग विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के झूठे को मालिक पति मान बैठे और खुद गुलाम बन गये ! ये बड़ी बेवकूफी भरी और दुर्भाग्य पूर्ण बात है ! 

झूठा खसम यानी मालिक छोड़ो , अपना स्वदेशी मूलभारतीय हिन्दूधर्म मालिक पिता अपनावो ! अभी हुआ सो हुआ , गलती के लिये खुद को माफ कर दो, दुखी मत हो पर अब सच की राह पर चलो ! क्षमा करना बहुत बड़ा सद्गुण है जो सुख और शांति प्रदान करता है ! 

#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस 
#दौलतराम 
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती 
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ 
#कल्याण, #अखंडहिंदुस्थान , #शिवसृष्टि

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