#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ११३ : झूठेहि जानि पतियाउ हो !
#शब्द : ११३
झूठेहि जानि पतियाउ हो, सुनु सन्त सुजाना : १
तेरे घट ही में ठग पूर है, मति खोवहु अपाना : २
झूठे की मण्डान है, धरती असमाना : ३
दशहूँ दिशा वाकी फंद है, जीव घेरे आना : ४
योग जप तप संयमा, तीरथ ब्रत दाना : ५
नौधा बेद कितेब है , झूठे का बाना : ६
काहू के बचनहिं फुरे, काहू करामाती : ७
मान बड़ाई ले रहे, हिन्दू तुरुक जाती : ८
बात ब्योंते असमान की, मुद्दति नियरानी : ९
बहुत खुदी दिल राखते, बूडे़ बिनु पानी : १०
कहहिं कबीर कासों कहौं, सकलो जग अंधा : ११
साँचे से भागा फिरें, झूठे का बन्दा : १२
#शब्द_अर्थ :
पतियाउ = विश्वास करना ! सुजाना = ज्ञानी ! घट = वृदय ! ठग = छलिया ! पूर = विद्दमान , अभी ! अपाना = अपनापन ! मंडाण = लीपापोती , श्रृंगार ! वाकी = मन की ! नौँधा = विविध प्रकार की भक्ति ! कितेब = विदेश तुर्की धर्म का कुरान ! बेद = विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म का धर्म ग्रंथ वेद और मनुस्मृति ! बाना = वेश भूषा ! फुरे = बोलबच्चन ! करामाती = चमत्कार बताने वाला ! ब्योंते = नापते है ! मुद्दति = काल , समय ! खुदी = अहंकार, गर्व ! बुड़े = विसर्जित होना ! अंधा = विवेकहीन ! बन्दा = सामान्य जन !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर कहते भाईयो सुनो तुमका झूठे धर्म, उनके धर्म का चोला पहने ठग और झूठे धर्म ग्रंथ पर विश्वास नहीं करना है ! इन झूठों में खास कर विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के ग्रंथ वेद और मनुस्मृति है जो मानव हित में नहीं और उन्होने अनेक प्रकार के कर्मकांड, अंधविश्वास, पूजापाठ, योग , भक्ति आदि नानाविधि मार्ग से आपकी मति भ्रमित की है और दान दक्षिणा , वस्तु आदि मांग मांग कर आपको बेवकूफ बनाने का धंधा धर्म के नाम पर करते हैं !
उसी प्रकार विदेशी तुर्की धर्म के धर्म ग्रंथ कुरान में बेतुके , झूठे करामाती , चमत्कारी बातों को लिखा है जो हमारे वैज्ञानिक दृष्टि से मेल नहीं खाते !
ये दोनों धर्म आज की मानव समस्या पर नहीं बोलते वे स्वर्ग नरक , हूर जन्नत की बात करते है पर धर्म के नाम पर जो आज शोषण चल रहा है जाति वर्ण अस्पृश्यता विषमता छुवाछूत इत्यादि अमानवीय विचार से लोगोंको लुटा जा रहा है इन पाण्डे पुजारी ब्राह्मण मुल्ला मौलवी के झूठ पर कोई रोक नहीं !
कबीर साहेब कहते भाईयो इन झूठे विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म और विदेशी तुर्की मुस्लिमधर्म के बातों में ना आवो ! अपना स्वदेशी मूलभारतीय हिन्दूधर्म जानो वही श्रेष्ठ धर्म है की हम समता भाईचारा मानवता शील सदाचार सत्य अहिंसा शांति का धर्म मानते है ! सच को जानो, स्वीकार करो, झूठो से दूर रहो ! विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म और विदेशी तुर्की मुस्लिमधर्म दोनों झूठे है !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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