Friday, 3 January 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Shabd : 110

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ११० : आपन कर्म न मेटी जाई ! 

#शब्द : ११० 

आपन कर्म न मेटी जाई : १
कर्म का लिखा मिटे धौं कैसे, जो युग कोटि सिराई : २
गुरु वशिष्ठ मिलि लगन सुधायो, सूर्य मंत्र एक दीन्हा : ३
जो सीता रघुनाथ बिवाही, पल एक संच न कीन्हा : ४
तीन लोक के कर्ता कहिये, बालि बधो बरियाई : ५
एक समय ऐसी बनि आई, उनहूँ औसर पाई : ६
नारद मुनि को बदन छिपायो, किन्हों कपि को स्वरूपा : ७
शिशुपाल की भुजा उपारी, आपु भये हरि ठूठा : ८
पार्वती को बाँझ न कहिये, ईश्वर न कहिये भिखारी : ९
कहहिं कबीर कर्ता की बातें, कर्म की बात निनारी : १०

#शब्द_अर्थ : 

धौं = भला ! सिराई = समाप्त ! सुधायो = शोध किया ! संच = सुख ! सीता = राजा राम की पत्नी ! बरियाई = बन गई ! औसर = मौका ! बदन = चेहरा ! कपि = वानर ! उपारी = उखाड़ना ! हरि = कृष्ण ! ठूठा = लूला ! ईश्वर = शिव ! निनारी = विलक्षण ! पार्वती = शिव की दूसरी पत्नी ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर कहते है भाई कर्ता और कर्म का सिद्धांत समझो ! बहुत साफ बात है कर्ता कोई भी हो , ईश्वर हो , भगवान हो देवी देवता हो या राजा महाराजा रंक मानव या पशु पक्षी कीड़े मकोड़े जानवर जीव जन्तु सब को अपने कर्म का फल भुगतना पड़ता है चाहे तुरंत या देर सबेर , इस जन्म में या आगे , कोई कर्म के फल से बचा नही ! 

कोई न कोई कारण अवश्य रहता है जिस कारण अब घटित हुआ है चाहे अभी का या पूर्व कर्म का ! ये कर्म फल सिद्धांत है जिसके नियम से न राम बचा है न सीता न कृष्ण न शिशुपाल न शिव न पार्वती ! 

विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के वैदिक मंत्र होम हवन , पूजा अर्चना पाठ, पशु बलि कोई कर्म के सिद्धांत को बदल नहीं सकता केवल अभी अच्छे कर्म कर उस अच्छे कर्म से अच्छे फल पा सकता है ! 

सामान्य भाषा में लोग इस कर्म फल सिद्धांत को जैसी करनी वैसे भरनी कहते हैं ! इस लिये कबीर साहेब विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म और विदेशी तुर्की मुस्लिमधर्म को छोड़ कर अपने स्वदेशी मूलभारतीय हिन्दूधर्म शील सदाचार भाईचारा समता मानवता अहिंसा आदि का पालन करने की बात करते है क्यों की मूलभारतीय हिन्दूधर्म इसी कर्म फल सिद्धांत को मानता है कर भला हो भला ! 

#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस 
#दौलतराम 
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती 
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ 
#कल्याण, #अखंडहिंदुस्थान, #शिवसृष्टि

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