Wednesday, 16 October 2024

Mulbhartiya Hindhudharm Satvik Bhojan !

#मुलभारतिय_हिन्दूधर्म_सात्विक_भोजन ! 

मुलभारतिय हिन्दूधर्म धर्मात्मा कबीर की वाणी पवित्र बीजक को मुलभारतिय हिन्दूधर्म का एकमात्र धर्मग्रंथ मानता है ! 

कबीर साहेब ने मानव भोजन मे हत्या वर्ज माना है और मानव को सूपाच्च आहार लेने की सिख दी है ! कबीर साहेब कहते है जो जो भावे त्यो त्यो खावे ! कोई भोजन शरीर हानी कारक ना हो , पचाने मे कठीण ना हो और शारीरिक व्याधी बीमारी निर्मांण करने वाले पदार्थ ना हो ! 

भारतिय भोजन जो दाल चवाल साग सब्जी दही मठ्ठा हालवा पुरी खिर गुड चना और देशी अनाज और मौसमी फल को कबीर साहेब उत्तम मानते है , शाम को खिचडी मठ्ठा जैसे हलके भोजन किये जा सकते है और मजदुर वर्ग किसान सैनिक अपनी जादा ऊर्जा जरूरत के लिये अधिक आहार , बारम्बार आहार और तैलिय पदार्थ घी दुध और बिना स्वयम हत्या किये मांस मछली अंडे आदी का भी प्रयोग कर सकते है पर इसे ज़िभ्या के चोचले ना होने दे ! 

वैसे कबीर साहेब घट घट मे चेतन राम के अस्तित्व को मानते है और जीव जन्तु , वृक्ष वेली पत्ते तक मे जान और प्राण मानते है यहां तक की कण कण मे चेतन स्वयम जुडता तुटता रहाता है यहां सब सजीव सब है मृत कोई नही ! राम का मतलब ही है ज्यो मरा नही ! राम नाम सत्य है और नित्य है बस एक दुसरे मे विलिन और वियोग यह प्रक्रिया निरंतर चालू है इस लिये जो दुख से ना कहराये , कटने मरने से बचाने के लिये तडपे भागे उसका दुख दर्द जाने और एसे हत्या कर्म से बचे इनको आपने आहार करने से बचे यह सिख कबीर साहेब देते है ! मुलभारतिय हिन्दूधर्म का यही सात्विक आहार भोजन है ! 

हमे ये नही भूलाना चाहिये हम हिस्त्र प्राणी जैसे सिधे किसी ज़िवंत प्राणी की चमडी अपने दांत से उधेड कर कच्चा गोस्त नही खा सकते ! हम अपना हाजमा गोस्त खा कर ठिक नही कर सकते पर शेर भी अपना हाजमा ठिक करने घास और पत्ते खा लेते है ! 

#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस 
#दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मुलभारती 
#मुलभारतिय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
कल्यान , #अखण्डहिन्दुस्तान , #शिवशृष्टी

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