#शब्द : २९
भाई रे नयन रसिक जो जागे : १
पारब्रह्म अविगति अविनाशी, कैसहु कै मन लागे : २
अमली लोग खुमारी तृष्णा, कतहुँ संतोष न पावै : ३
काम क्रोध दोनों मतवाले, माया भरि भरि आवै : ४
ब्रह्म कुलाल चढ़ाइनि भाठी, लै इंद्री रस चाहै : ५
संगहि पोच हैं ज्ञान पुकारे, चतुरा होय सो पावै : ६
संकट सोच पोच यह कलिमा, बहुतक व्याधि शरीरा : ७
जहाँ धीर गम्भीर अति निश्चल, तहाँ उठि मिलहु कबीरा : ८
#शब्द_अर्थ :
नयन रसिक = रूप के प्रेमी , लंपट ! पारब्रह्म = विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म का ब्रह्मा , मूलभारतीय हिन्दूधर्म के चेतन राम ! अविगति = अज्ञात ! कैसेहु कै = किस प्रकार ! अमली = व्यसनी , अफीमची ! खुमारी = नशा की मद भरी मायावी अवस्था ! कुलाल = मदिरा का विक्रेता ! भाटी = शराब की भट्टी ! पोच = बुराई ! कलिमा = आज का बुरा समय !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर कहते हैं भाईयो आज कल लोग कहते है धर्म एक नशा है , अफीम है , गांजा है , दारू की नशा है पर ये सच नहीं धर्म और अधर्म में भेद नहीं कर पा रहे लोग इस प्रकार बचकानी बात करते है और गरीबी शोषण के लिए धर्म को जिम्मेदार मानते है पर कितने लोग धर्म और अधर्म में फर्क जानते है करते है ? पूछते है धर्मात्मा कबीर !
कबीर साहेब कहते हैं भाईयो विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म ये अधर्म है विकृति है उसके विचार आचार ही अधर्म है तो उससे अच्छे कर्म और फल की कैसी आशा की जा सकती है !
गरीबी , शोषण के लिये धर्म नहीं ब्राह्मणों की नशेड़ी गंजेडी दारूबाज संस्कृति , लंपट भगवान और उनकी पूजा , अंध विश्वास और बुत परस्ती न जाने क्या क्या गलत मान्यता को लोगों ने धर्म मान कर धर्म को बदनाम किया है ! माया मोह तृष्णा लालच झूठ मक्कारी ये मानव मन के विकार है उसे धर्म कैसे कह सकते है !
भाइयों ब्रह्मा कोई परमात्मा परमतत्व नहीं एक बलात्कारी लंपट व्यक्ति उसे भगवान सृष्टि का निर्माता मानोगे तो धर्म हानि और मानव की बुद्धि हीनता का परिचय होगा ! कोई समय काल अपने आप में बुरा नहीं होता ना कोई कलियुग है लोग ही विवेकहीन अधार्मिक मद माया लोभ में व्यस्त है उसी में रस ढूंढ रहे है , झूठ बोल कर धन संपत्ति बटोरने में लगे है ! शरीर में अनेक व्याधि भी इसी गलत खान पान रहन सहन और व्यसनों का परिणाम है ! भाईयो धर्म को दोष ना दो धर्म अधर्म में फर्क करो और निश्चय करो कि मूलभारतीय हिन्दूधर्मी का पालन करोगे , अधर्म विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म को नजदीक फटकने नही दोगे तो वही तुम्हे परमतत्व चेतन राम परमात्मा और मेरे दर्शन होगे और सुख शांति दुख मुक्ति मिलेगी !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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