#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ४८ : पण्डित देखहु वृदय विचारी !
#शब्द : ४८
पण्डित देखहु वृदय विचारी, को पुरुष को नारी : १
सहज समाना घट घट बोलै, वाके चरित अनुपा : २
वाको नाम काह कहि लीजै, न वाके वर्ण न रूपा : ३
तैं मैं क्या करसी नर बौरे, क्या मेरा क्या तेरा : ४
राम खुदाय शक्ति शिव एकै, कहु धौं काहि निहोरा : ५
वेद पुराण कितेब कुराना, नाना भ्रांति बखाना : ६
हिन्दू तुरुक जैनि औ योगी, ये कल काहु न जाना : ७
छौ दर्शन में जो परवाना, तासु नाम मनमाना : ८
कहहिं कबीर हमहि पै बौरे, ई सब ख़लक सयाना : ९
#शब्द_अर्थ :
सामना : प्रविष्ट ! चरित = स्वभाव ! अनुपा = विलक्षण ! वर्ण = रंग , वर्ग ! धौं = भला ! निहोरा = प्रार्थना ! छौ दर्शन : ब्राह्मण जैन बुद्ध मुस्लिम ख्रिस्ती पारसी धर्म विचार ! परवाना = प्रमाणित ! पै = परन्तु ! ख़लक = संसार के सारे लोग ! सयाना = होशियार ! ज्ञानी !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर कहते हैं हे विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के पाण्डे पुजारी पंडितों ब्राह्मणों जरा विचार कर के बात करो क्या परमात्मा जिसे तुम ब्रह्म कहते वो क्या पुरुष है या नारी ?
भाई जो घट घट में है वो चेतन तत्व ना पुरुष है ना स्त्री उसका कोई वर्ण रंग रूप वर्ग जाती नहीं है वो निराकार निर्गुण अविनाशी तत्व चेतन राम कोई पुरुष स्त्री नहीं है उसका वर्णन रूप नहीं बताया जा सकता , वो विलक्षण है !
ना वो तुम्हारा ब्रह्म , ब्रह्मा है न अल्ला , न शिव ना शक्ति उसे किसी नाम की जरूरत ही नहीं ना वो अवतार लेता है ना किसी मूर्ति में बसता है ना उसकी किसी मंत्र तंत्र पूजा उपासना अनुष्ठान होम हवन से प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है ! ना वो दशरथ का पुत्र राम है ना कृष्ण ना वो किसी को प्रेषित बना कर भेजता है इसलिए सभी तथाकथित धर्मो के धर्म ग्रंथ विचार तत्व सब मानव निर्मित ही है , वेद, मनुस्मृति , कुरान बाइबल और अन्य सभी आदेश मानव निर्मित है उसमे जो भी विकार है उसका जिम्मेदार भी मानव ही है ! इस लिये विकृत वर्ण जाति वाद , भेदभाव उचनिच अस्पृश्यता विषमता छुआछूत , ढोंग धतूरे अधर्म नैतिक आचरण और पतन के लिये मानव खुद जिम्मेदार है !
एक चेतन तत्व का निवास हम सब में है इस लिए तू तू मैं मै ना करो , झगड़े ना करो भाईचारे से रहो , समता ममता शांति अहिंसा सदाचार का व्यवहार करो , शील सदाचार का पालन कर विषमता को खत्म करो ! विश्व समाजवाद , विश्व बंधुत्व का धर्म मूलभारतीय हिन्दूधर्म का पालन करो ये धार्मिक के नाम पर अधार्मिक वर्तन और उन्माद बेकार है !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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