Tuesday, 22 October 2024

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Shabd : 39 : Eso Hari So Jagat Laratu Hai !

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #शब्द : ३९ : ऐसो हरि सो जगत लरतु है !

#शब्द : ३९ 

ऐसो हरि सो जगत लरतु है, पाण्डुर कतहु गरुड़ धरतु है : १
मूस बिलाई कैसन हेतु, जंबुक करै केहरि सौं खेतु : २
अचरज एक देखो संसारा, स्वनहा खेदें कुंजर असवारा : ३
कहहिं कबीर सुनो सन्तों भाई, इहै संधि काहु बिरलै पाई : ४

#शब्द_अर्थ : 

हरि = स्वज्ञानी ! पाण्डुर = पानी का सांप ! गरुड़ = पक्षी ! खेतू = खदेडना , भगाना ! स्वनहा = कुत्ता! कुँजर = हाथी ! संधि = भेद , रहस्य ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर कहते है भाईयो चेतन राम  को लोग समझ नहीं रहे और गलत क्रियाकर्म, मानव अवतार को भगवान , ईश्वर मानकर खुद ही खुद में बसे राम से लड़ रहे है ! क्या कोई पानी का सांप गरूड़ को जीत सकता, क्या हाथी पर कुत्ता भारी पड़ सकता है , क्या  कोई बंदर , सियार किसी सिंह को हरा सकता है , क्या चूहा बिल्ली को मात दे सकता है ? नहीं ना  ! तो मनगढ़ंत हरि मानव के भीतर के चेतन राम को कैसे जीत सकते है ?  मनगढ़ंत हरि , राम कृष्ण आदी मानव और उनके अवतार पुतले वास्तविक सत्य ,  सच के चेतन राम जो तुम्हारे भीतर है , घट घट में है सारे सृष्टि का निर्माता स्वयं निराकार निर्गुण अविनाशी तत्व चेतन राम है वो इन छोटी मोटी बकवास कल्पना से कैसे जीता जा सकता है या प्रसन्न किया जा सकता है ? 

कबीर साहेब मन के इन भ्रम से बाहर आने की बात करते है कि राम किसी मंदिर मूर्ति , अवतार , प्राण प्रतिष्ठा,  होम हवन नाम स्मरण जोग  हटयोग ,  झूठे मंत्र तप तपस्या , बलि आदि में नहीं है तो वो इन बातोंसे हासिल नहीं हो सकता है ! 

मालिक राम राजा चेतन राम आपके अंदर ही है उसको झूठे काल्पनिक  ईश्वर राम से नहीं हराया जा सकता ना झूठे की पूजा से सच सत्य मिल सकता है ! सच की उपासना आराधना करो और वो उपासना आराधना का मार्ग शील सदाचार का बेदाग जीवन जीना ही है , निर्मल मन अंतकरण ही है सहज स्वरूप समाधी है ! यही मूलभारतीय हिन्दूधर्म है ! 

#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस 
#दौलतराम 
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती 
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ 
कल्याण, #अखंडहिंदुस्थान, #शिवसृष्टि

No comments:

Post a Comment