Friday, 19 September 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Basant : 10 : 4

पवित्र  बीजक  :  प्रग्या  बोध  :  बसंत  : 10 : 4

बसंत  : 10 : 4

मोलना  माते  पढ़ि  मुसाफ  , काजी  माते  दै  निसाफ  ! 

शब्द  अर्थ  : 

मोलना  = मुस्लिम  शिक्षक  ! माते  = के  लिये  ! पढ़ि  = पढना !  मुसाफ  = मुस्लिम  धर्म  ग्रंथ  ! काजी  = मुस्लिम  न्याय  काराने वाले  काजी  जो  शादी  ब्याह  कारते है  ! माते  = के  लिये  ! दै  = देना  ! निसाफ  = निर्णय  , न्याय , निजात छुटकारा  ! 

प्रग्या  बोध  : 

परमात्मा  कबीर  बसंत  के  इस  पद  में  हिन्दुस्तान  में  आये  तुर्की  धर्म  य़ानी  मुस्लिम  धर्म  के  मौलाना  और  काजी  के  धर्म  आचरण  पर  ध्यान आकार्शित  कारते  हुवे   बाताते  है  इनकी  धर्म  दृष्टी  ,सोच  ऊनके  धर्म  ग्रंथ   कुराण  और  उसपर  की  hai चर्चा   के  मुताबिक  ही  है  इसे  ही  वे  कट्टर  मुस्लिंम  कहते   है  जैसे  कट्टर  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  धर्मी  ब्राह्मण   वेद  और  मनुस्मृती  के   अर्थ  को  ही  धर्म  मानते  है  ! काजी  और  मौलाना  अपने  सदविवेक  बुद्धी  का  उपयोग  नही  करते  वे  भी  पढ़त  पंडित  है  और  अधर्म  को  ही  धर्म  मान बैठे  है  ! कबीर   साहेब  ने  मुस्लिंम   धर्म के  अंध  श्रद्धा  के  उपर  कठौर  प्रहार  किया  जैसे  वैदिक  ब्राह्मण  धर्म  पर  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व  परमहंस 
दौलतरां 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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