Monday, 22 September 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Basant : 10 : 7

पवित्र  बीजक : प्रग्या  बोध  :  बसंत  : 10 : 7

बसंत  : 10 : 7

शिव  माते  हरि  चरण  सेव , कलि  माते  नामा  जयदेव  ! 

शब्द  अर्थ  : 

शिव  माते  = शिव  मुलभारतिय  धर्म  पुरूष के  लिये  ! हरि  चरण  सेव  =  हरि  अर्थात  ज़िसने  सब  इच्छा का  हरण  कर  मुक्ती  मोंक्ष  पा  लिया  एसा  परमात्मा  चेतन  तत्व  राम  ! कलि  माते  = कलह के  कारण  ! नामा  जयदेव  = नामदेव  जयदेव  ! 

प्रग्या  बोध : 

परमात्मा  कबीर  बसंत  के  इस  पद  में  मुलभारतिय  धर्म  पुरूष  ज़िसे   मुलभारतिय   जैंन धर्म  आदी  मान्यता  नुसार आदीनाथ  ,पशुपतीनाथ ,सिंधु  हिन्दू  संसकृती की  मान्यया   अनुसार  प्रथम  राज्य  और  धर्म  अधिकारी  माना  गया  जो  नाग  अर्थात   नागरिक,  नागरी  गणराज्य   संस्कृती  के  संस्थापक  थे  वे  भी    मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  का  तत्व  इच्छा  तृष्णा  मोह  माया  पर  अंकुश  उसका  हरण  कर  उसे  हरने  वाले  परमात्मा  चेतन   तत्व  राम  जो  निराकार  निर्गुण  सार्वभौम अजर  अमर   है  तृष्णा  विरहित  मोक्ष  की  स्थिती  में  विरामान  है  जो  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  का  शिल  सदाचार  के  मार्ग  से  ही  उसके  दर्शन  हो  सकते  है  उस  परमतत्व  हरि  को  शरण  गये  वैसे  ही  वारकारी  पंथ  के  संस्थापक  नामदेव  नामदेव  जयदेव भी  उसी  हरि  को  शरण  गये  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व  परमहंस 
दौलतरां
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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