Saturday, 27 September 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Basant : 11 : 2

पवित्र  बीजक  : प्रग्या  बोध  :  बसंत  : 11 : 2

बसंत  : 11 : 2

चोवा  चन्दन  अगर  पान  , घर  घर  सुमृति होत  पुरान  ! 

शब्द  अर्थ  : 

चोवा  = खारिक , सूपारी , फल  मेवा , मिठाई  ! चन्दन  = चन्दन  लकडी  का  माथे  पर  तिलक  , लेप   ! अगर = अगर  के  फुल  , सुवासिक  धुप  ,अगरबत्ती ! पान = नागवेल  का  पान , ज़िसे खाया  जाता  है  ! घर  घर  = हर  तरफ   ! सुमृति  = वेद  , मनुस्मृती ,  अठराह  पुरना , सत्य  नारायण  की  पूजा , होम  हवन आदी  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्म  की  पांडे  पूजारी  द्वारा  पूजा  ! 

प्रग्या  बोध  :  

परमात्मा  कबीर  बसंत  के  इस  पद  में  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्मी  पांडे  पूजारी  अपना वेद  और  भेद  , मनुस्मृती   और  जातिवाद  वर्णवाद ऊचनीच  भेदाभेद   अस्पृष्यता  विषमाता  शोषण  अमानविय  विचार  अधर्म  कुधर्म  विकृती  होम  हवन  ब्राह्मण  दान  दक्षिना  के  प्रचार  प्रसार  के  लिये  सारे  हथ  अपना  रहे  है  घर  घर  जाकर  असत्य  नारायण  , भागवात  पुरान , अठराह   पुरान पाठ  , सप्ता  हप्ता ,  अखण्ड  पाठ  , चंडी  य़ग्य  , नागबाली  य़ग्य  आदी  विविध  मार्ग  से  हर  ब्राह्मंण  उनका  अधर्म  और  विकृती  फैलाने   में  जूटा  हुवा  है   और  पूजा  मे  फल  मेवा  खारिख  सूपारी  ,दान  दाक्षिना भी  उपरसे  ले  रहा  है  ! कबीर  साहेब  यह  बात  सावधान  करने के  लिये  है  मुलभारतिय  हिन्दू  धर्मी  भाईयों  बहनो  सावधान  हो  जावो  ये  विदेशी  ब्राह्मण  धर्मी   पंडे  पूजारी  तुम्हे  लूट  रहे  है  , जाती  वर्ण  ऊचनीच  में  बाट  रहे  है  और  अपना  अधर्म  विकृती  फैलाकर  तुम्हे  अधर्म  के  जंजाल  में  फसा  रहे  है  ! इन  को  छोडो  , वैदिक  ब्राह्मणधर्म   छोडो , अपना  सनातन पुरातन  आदिवाशी  मुलभारतिय  लोकधर्म   शिल  सदाचार  भाईचारा  मानवता  विश्वबंधुत्व  वैग्यानिक  दृष्टी  का  धर्म  का  अपना  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  का  पालन  करो  , वैदिक  ब्राह्मणधर्म  और  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म   अलग  अलग  है  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व परमहंस 
दौलतरां 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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