पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : बसंत : 11 : 4
बसंत : 11 : 4
बहु विधि परजा लोग तोर , तेहि कारण चित ढीठ मोर !
शब्द अर्थ :
बहु विधि = बहुत प्रकार के ! परजा लोग = प्रजा , राजा ! तोर = तेरे संसार में ! तेहि कारण = उस कारण , इस लिये ! चित = मन ! ढीठ मोर = ज्यादा लालची !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर बसंत के इस पद में संसार की विविधता विविध प्रकार के लोग धन्धा व्यवसाय राज्यकर्ते इनके स्वाभव से देखा जाता है की सभी लोग अधिक अधिक श्रीमंत रइस होना चाहते है ! वर्ण जाती मे बटा समाज एक दुसारे को कमजोर करने मे लगा है और सत्य हिन्दू धर्म को भूल गया है और उनका चंचल मन बहुत हटी और मेरी ही मानो प्रवृत्ती का बन गया है ! विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मण धर्म के कुसंगत में और पंडे पंडित ब्राह्मण के लालची वृत्ती ने समाज को अधर्मी बना दिया लूट और झूठ इसे ही लोग ज़िने का सही मार्ग और धर्म समझ रहे है ! इस को देख कर मेरा मन बडा कठौर और संवेदनाशिल बन गया है इसे दुरुस्त करना अत्यावश्यक है हमे फिर से अपना मुलभारतिय हिन्दूधर्म जो शिल सदाचार भाईचारा samata ममता का धर्म है उसे पुनर प्रस्थापित करना होगा ! मुलभारतिय हिन्दूधर्म और विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म अलग अलग है !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतरां
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ
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