हिन्दुस्तान का मुलभारतिय हिन्दूधर्मी समाज सार्वभौम ! आज कबीरवाणी पवित्र बीजक ही मुलभारतिय हिन्दूधर्म का एकमात्र सच्चा धर्मग्रंथ , विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म अलग ! हिन्दूधर्म और ब्राह्मणधर्म अलग अलग ! वैदिक ब्राह्मण धर्म को बाकायादा स्थापित करने के लिये संघ , संकारचार्य और सुप्रिम कोर्ट मे बैठे विदेशी ब्राह्मणधर्म के हस्तक मुलभारतिय हिन्दूधर्म की अलग पहचान मिटाने सदियोंसे सक्रिय ज़िसमे दयानन्द तिवारी से लेकर मुर्ख बामसेफिये भी है !
आम्बेडकर ने विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मण धर्म , विदेशी ब्राह्मणधर्म विकृती से मुलभारतिय हिन्दूधर्म संस्कृती के बौद्ध मत को स्विकार किया उसे भी शुरू मे वैदिक ब्राह्मणधर्मी धर्मांतर नही मानते थे हालांकी ये सच है की वैदिक ब्राह्मणधर्म गंदगी मुलभारतिय संस्कृती के सभी धर्म जैसे जैंन बौद्ध सिख हिन्दू मे घुस गई है ज़िसके विरोध मे ही ये पंथ जैंन सिख बौद्ध निर्मांण हुवे ! मुलभारतिय हिन्दूधर्म तो विदेशी यूरेशियन वैदिकधर्म के हिन्दुस्तान मे घुसपैठ के काल से ही उससे लड़ रहे है !
हिन्दू जनता जनती है हिन्दूधर्म मुलभारतिय हिन्दूधर्म है और विदेशी यूरेशिएन वैदिक ब्राह्मण धर्म से अलग धर्म है जो आद्य लोक धर्म है सत्य धर्म है इस लिये चाहे सुप्रिंम कोर्ट मे बैठे ब्राह्मणवादी मानुवादी जज की कितनी भी बडी बेंच क्यू ना ये कहे हिन्दूधर्म नही उसे डस्ट बिन मे ड़ालते है ! धर्म के बारे मे हिन्दुस्तान के मुलभारतिय हिन्दूधर्मी लोग सार्वभौम है ! न हिन्दूधर्म का नाम बदला जा सकता है न पहचान ! हिन्दू कोड बिल ने भी इस पर मोहर लगा दी है और कबीरसत्व दौलतराम ने भी ! हिन्दूधर्म और ब्राह्मणधर्म अलग अलग है ! हिन्दू वोही जो ब्राह्मण नही ! हिन्दुत्व वही ज़िसमे ब्राह्मण बिलकुल नही !
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