#तुलजा_भवानी_की_सच्ची_कहानी ! #दौलतराम
तुलजापुर महाराष्ट्र मे तुलजापुर के लिये प्रसिद्धज हैं ! वहाँ किसी समय कदम नाम के मुलभारतिय हिंदूधर्मी दयालू धार्मिक प्रवृत्ती के व्यक्ति रहते थे ! यह व्यक्ति जाती वर्ण अस्पृष्यता विषमता भेदाभेद को नही मानते थे और शिल सदाचार भाईचारा समता का सनातन पुरातन धर्म बताते थे ! चिंतन मनन करना ध्यान लगाना विपश्यना आदी मे उनकी विशेषता और रूची थी ! कुकुर यानी कुलकर्णी विदेशी वैदिक ब्राह्मण को ये पसंद नही था ! उसने ध्यान लगाये बैठे कदम को परेशान करना शुरू किया तब मुलभारतिय हिंदूधर्मी कदम की औरत जिस का नाम अनु था वह हास्थ मे खडग लेकर विदेशी यूरेशियान वैदिक ब्राह्मणधर्मी क्रूर कुकुर कुलकर्णी पर टूट पडी और कोयते से उस को मार ड़ाला !
इस गाँव मे अधिकतर मुलभारतिय हिंदूधर्मी भोसले कदम आदी कुलनाम के लोग थे यह अनु भोसले कुल की लडकी जो कदम के घर ब्याही थी ! उसके शौर्य निडरता और पराक्रम के कारण भोसले और अन्य सभी मुलभारतिय हिंदूधर्मी लोगोने उसे कूल देवता माना और उसका नाम अनु से तुलजापूर की तुलजा भवानी यानी माता हो गया !
शिवाजी महाराज , डॉ. आम्बेडकर आदी असंख्य मराठी कुलोंकी वह कूल देवता हैं !
जय भवानी !
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