पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : बसंत : 12 : 5
बसंत : 12 : 5
झूठा कबहुँ न करिहैं काज , हौं बरजौं तोहि सुनु निलाज !
शब्द अर्थ :
झूठा = झूठ बोलने वाला ब्राह्मण पंडित पांडे ,संकराचार्य आदी ! कबहुँ = कभिभी ! न करिहैं काज = कभी भलाई न करना ! हौं = हे ब्राह्मण वर्ज करो ! तोहि = तुम ! सुनु निलाज = सुनो निरलज्यो !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर बसंत के इस पद मे बताते है की विदेशी यूरेशियन ब्राह्मणधर्म के लोग ब्राह्मण पांडे पूजारी संकराचार्य सब झूठे है उनका वर्णवादी जातीवादी छुवाछुत अस्पृष्यतावादी ऊचनीचवादी शोषणवादी धर्म सब झूठ फरेब पर आधारित है ऊँसमे मुलभारतिय हिन्दू के हित और कल्याण की न कोई बात है न भावना है न उद्देश ! उनका धर्म नही अधर्म है संस्कृती नही विकृती है उनके देवता ब्रम्हा इन्द्र आदी बलात्कारी है , हे मुलभारतियों इन विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्मी पांडे पंडित संकराचार्य को वर्जित करो उनको अपने पास आने न दो वो बहुत ही कमिने और निर्लज्ज है , उनको गलत धर्म उनके विधी बताने मे और दान दाक्षिणा लेने मे मांगने में कोई शर्म नही आती उनसे सावधान रहो !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ
कल्याण , अखण्ड हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी
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