Thursday, 30 October 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Chaachar : 1 : 19

पवित्र बीजक  : प्रग्या बोध : चाचर : 1 : 19

चाचर  : 1 : 19

शिवसन  ब्रह्मा  लेन  कहो  है , और  की  केतिक बात  ! 

शब्द  अर्थ  : 

शिवसन  =  शिव  को  मानने  वाले  मुलभारतिय  हिन्दूधर्मी  !  ब्रह्मा  =  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्म  का  निर्माता  ! लेन  कहो  = लेने  पर  मजबुर  हुवे  ! और  की  = अन्य  की  !  केतिक  बात  क्या  बात  करना ! 

प्रग्या बोध  : 

परमात्मा कबीर चाचर के  इस  पद में बताते है  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्मीयोने  अवतारवाद  लाकर  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  के  लोक  देवता  खुद  शिव  को  एक  अवतार  बना  दिया  और  त्रीदेव  की  कल्पना  गढ  ड़ाली , मुलभारतिय  कितने  ही  लोगोंको  अवतार  बनाया  जैसे  राम  कृष्ण  बुद्ध  और  वैदिक  ब्राह्मणधर्म  मे  उनका  ब्राह्मणीकरण  कर  उन्हे  जाती  वर्ण  मे  बन्दिस्त  किया  तो  और  छोटे  मोटे  लोग  राजा  साधु  संत  की  क्या  बात  ! 

 विदेशी वैदिक ब्राह्मणधर्म  से  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  अलग  है  ये  बात  मुलभारतिय  लोगोने  समझना  आवश्यक  है  जरूरी  है !  अवतारवाद  की  कल्पना  ठुकराना  होगा  !  लंपट  ब्रह्मा  के  साथ  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  का  कोई  संबध  नही  यह  बताना  होगा !  राम  कृष्ण  बुद्ध  महाविर  आदी  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्म  के  खिलाफ  थे  ,  वर्ण जाती जनेऊ  होम  हवन  ऊचनीच  भेदाभेद  अस्पृष्यता  छुवाछुत  शोषण  के  विरोध  मे  खडे  हुवे  थे  यह   बताना होगा !   इनको  विदेशी  यूरेशियन वैदिक  ब्राह्मणधर्म  से  मुक्त  कर  स्वतंत्र  करना  होगा  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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