पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : चाचर : 1 : 8
चाचर : 1 : 8
शिव सन ब्रह्मा दौरि के , दूनों पकरे धाय !
शब्द अर्थ :
शिव = मुलभारतिय हिन्दूधर्मी समतावादी भगवान ! सन = मानने वाले ! ब्रह्मा = विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के विषमातावादी धर्म संस्थापक ! दौरि के = दोनो के ! दूनों = दोनो ! पकरे धाय = दोनो माया मोह मे फसे है !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर चाचर के इस पद में कहते है ज़हाँ मुलभारतिय हिन्दूधर्म के भगवान माने गये शिव शंकर महादेव लोकनाथ पशुपतीनाथ पार्वती के मोह माया मे पडकर विरंची से संसारी बन बैठे वही विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म के संस्थापक ब्रह्मा तो खुद उसके बेटी सरस्वती के मोह मे पागल की तरह दौड पडे थे ! दोनो मोह माया इच्छा तृष्णा वसाना के गिर्फत मे अपना जीवन खो चुके !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ
No comments:
Post a Comment