वास्तव मे हिंदूधर्म खतरे मे हैं और यह बात हिंदू , हिंदुस्तान के दुष्मन देश के दुष्मन विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्मी डंके की चोट पर हमे आगाह करने के लिये बता रहे है जैसे शतरंज के खेल मे विरोधी पक्ष को शह यह शब्द बोल कर उससे भी न बच सका तो मात बोल कर राजा मार दिया जाता हैं !
पीछले कई वर्ष से वैदिक ब्राह्मणधर्मी हिंदू शब्द गाली हैं ऐसा कुप्रचार कर रहे हैं इसमे विदेशी यूरेशियान के देशी चमचे दयानंद पंथी बामफेकिये भी शामिल हैं !
संघ के आदेश से मोदी भी हिंदू कोई धर्म नही कह रहे है और अन्य राजकिय पक्ष खामोश हैं !
हिंदूधर्म इस नाम को वास्तिवक खतारा हैं क्यू की विदेशी युरेशियन ब्राह्मणधर्मी अब अधिकारिक रुप से हिंदूधर्म का नामंतर उसे या तो वैदिक ब्राह्मणधर्म कहना चाहते हैं या वैदिक सनातन धर्म कहना चाहते हैं वैदिक इस शब्द को फिलहाल सायलेंस रखना चाहते हैं ! इसे सनातन धर्म कहना ऊँहोने शुरू किया पर कुछ नव बुद्धिस्ट सनातन धर्म यानी बुद्ध धर्म हैं बताते हैं !
सनातान पुरातन शब्द काल दर्षाते हैं इस दृष्टी से मुलभारतिय हिंदूधर्म जो सिंधु हिंदू संस्कृती का जनक हैं उसे ही सनातान पुरातन आद्य आदिवाशी समतावादी धर्म कहाँ जाता हैं इसी कारण डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर मुलभारतिय हिंदूधर्म को ही सनातान मान कर हिंदू की व्याख्या मे बौध जैन सिख को उसमे शामिल किया विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म को नही !
विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म एक विदेशी संस्कृति हीन धर्म हैं या अधर्म हैं ज़िसका धर्म ग्रंथ वेद हैं जहाँ हैं भेदाभेद वर्ण ऊचनिच और मनुस्मृती उनका ब्राह्मणधर्म कानुन हैं ज़िसमे हैं जातिवाद अस्पृष्यता छुवाछुत विषमता शोषण ! इस गलिच्छ वैदिक ब्राह्मणधर्म को हिंदूधर्म को नामशेष करने के लिये पुरी ताकत से विदेशी ब्राह्मण काम कर रहे हैं और देशद्रोही समाज द्रोही , हिंदूद्रोही कुछ बामसेफिये सिरफिरे विदेशी ब्राह्मण दयानंद की वकालत कर रहे हैं !
मुलभारतिय हिंदूधर्म विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्मी और दयानन्द के चेलोंसे नीपटने को सक्षम हैं की मुलभारतिय हिंदूधर्म अजर अमर हैं !
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