Sunday, 5 October 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Basant : 12 : 2

पवित्र  बीजक  : प्रग्या  बोध  :  बसंत  : 12 : 2

बसंत  : 12 : 2

अन्धा  कहै  अन्धा  पतियाय , जस  बिश्वा  के  लगन धराय ! 

शब्द  अर्थ  : 

अन्धा  = ज़िसे  दिखता  नही  ! कहै = बताता है  ! अन्धा  पतियाय  = दुसारा  अंधा  हा  कहता है ! जस = ज़िस  प्रकार  ! बिश्वा के   = विश्वास  पर  !   लगन धराय   = लग्न  , शादी  कारते है  ! 

प्रग्या  बोध  : 

परमात्मा  कबीर  बसंत  के  इस  पद  में  अंधश्रद्धा  को  फैलां रोग  मानते  जैसे  एक  अंधविश्वासी   दुसारे  अन्द्धविश्वासी  को  दावे  के  साथ  कहता  है  की  ये  बात  सच  है  मैने  देखा  है  वैसे  ही  समाज मे  शादी  ब्याह  को  जन्मपत्री  गोत्र  जाती  आदी  के  अंधविश्वास  के  आधार  पर  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्मी   पांडे  पूजारी  गुरूजी के  बाताये  मार्ग  से  शादी  रचाई  जाती है  !   ब्राह्मण    और  अग्नी  के  साक्ष  से  और  जन्म  पत्री  के  मिलन  से  रची  गई  कितनी  ही  शादिया  नरक  बनी  है  समाज  देखता  है  पर  सुधारता  नही  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व परमहंस 
दौलतरां 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान  , शिवशृष्टी

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