Monday, 6 October 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Basant : 12 : 3

पवित्र  बीजक  : प्रग्या  बोध  : बसंत : 12 : 3

बसंत  : 12 : 3

सो  तो  कहिये  एसो  अबूझ , खसम  ठाढ़  ढ़िग नाही  सूझ  !  

शब्द  अर्थ  : 

सो  तो  कहिये  = वो  जो  कहते  है  ! एसो  अबूझ  = एसा  अनर्गल  , बे  मतलब  , अधार्मिक  ! खसम  = परमात्मा  !  ठाढ़  ढ़िग  = सभी  जानकारी  ! नाही सूझ  = नही  समज मे  आता  ! 

प्रग्या  बोध : 

परमात्मा  कबीर  बसंत  के  इस  पद  मे  कहते  है  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्मी  लोगोने  उनके  धर्मग्रंथ  वेद  आदी  मे  एसी  बेतुकी  और  अनर्गल  बाते  लिखी  है  की  खुद  ग्यान  के  भांडार  परमात्मा  को  भी  कुछ  समज  नही आयेगा  जैसे  ब्रह्मा  के  मुख  से  ब्राह्मण पैदा  हुवे  , होम  अग्नि से  सोंमरस  पिने  ,गाय  घोडे  का  मांस  खाने   खुद  ब्रह्मा  इन्द्र  सोम  वरूण  रुद्र  आदी  बलतकारी  उनके  देव  सशरीर   प्रगट  होते  है  और  प्रसन्न  हो  कर  इच्छित  वर  देते  है , वर्ण वाद  , भेदभाव , ऊचनीच  सब  इनके अधर्म  को  ये  धर्म  और  महा  ग्यान  कहते  है  ! ये  अधर्मी  कुधर्मी  असभ्य ऐ सुसंस्कृत   लोग  खुद  को  श्रेष्ठ  और  दुसरे  को  शुद्र  निच  अस्पृष्य  कहते  है  इनका  उलटा  ग्यान  है  ये  मानव   नही  शैतान  है  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व परमहंस 
दौलतरां 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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