Wednesday, 15 October 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Chaachar : 1 : 5

पवित्र  बीजक  : प्रग्या  बोध  :  चाचर  : 1 : 5

चाचर  : 1 : 5

जती  सती  सब  मोहिया , गजगति  एसी  जाकी  चाल  ! 

शब्द  अर्थ  : 

जती  = ज़टाधारी ! सती  = सन्यासी  !  सब मोहिया  = को  मोहित  किया  ! गजगति  = हाथी  की  चाल   जो  मोहक स्त्री  जैसी  होती  है  !  

प्रग्या  बोध  : 

परमात्मा  कबीर  चाचर  के  इस  पद  मे  माया  , इच्छा  , तृष्णा  को  बहुत  ही  चतुर  और  मोहित  करने  वाली  बताते  हुवे  कहते  है  इसकी  गिर्फत  से  जटाधारी  साधु  और  सन्यासी  भी  नही  बचे  है  ! माया  के  मोहीनी  चाल  को  कबीर  साहेब  गजगामिनी  कहते  है  जो  अक्सर  उन  स्त्रियोंको  कहा  जाता है  जो  मस्ती  भरी  ठुमुक  ठुमुक  चलती और  पुरूषोंको  आकार्षित  करती   है  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व  परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू  नरसिंह  मुलभारती 
मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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